तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आज उतरेंगे सड़कों पर, नेशनल हाईवे जाम करने का एलान
केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में वीरवार को फिर किसान लामबंद होकर सड़कों पर उतरेंगे।
जागरण संवाददाता, करनाल : केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में बनाए तीन कृषि कानूनों के विरोध में वीरवार को फिर किसान लामबंद होकर सड़कों पर उतरेंगे। किसानों ने जोरदार प्रदर्शन करने के साथ-साथ दिल्ली चंडीगढ़ नेशनल हाईवे जाम करने का ऐलान किया है, जिसमें करनाल के अलावा कुरुक्षेत्र, अंबाला व यमुनानगर के किसान भी शामिल होने की उम्मीद है। किसानों के आक्रोश को देखते हुए पुलिस ने भी पुख्ता प्रबंधों के साथ तैयारी की है। चार डीएसपी व ड्यूटी मजिस्ट्रेट की निगरानी में पुलिस की छह कंपनियां तैनात की जाएंगी। जिले भर में बाकी पुलिस व खुफिया तंत्र को भी अलर्ट कर दिया गया है।
भारतीय किसान यूनियन व अन्य किसान संगठनों के आह्वान पर तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में एकजुट होने के लिए आह्वान किया गया है। आंदोलन को सफल बनाने के लिए गुरनाम चढूनी सहित अन्य किसान नेता भी पिछले कई दिनों से जमकर पसीना बहा रहे हैं और दावा किया जा रहा है कि नीलोखेड़ी के गांव रायपुर रोडान के पास करनाल व आसपास के अन्य जिलों के हजारों की संख्या में किसान नेशनल हाईवे जाम करेंगे। किसानों की तय योजना के अनुसार नेशनल हाईवे 12 बजे से चार बजे तक बंद रखा जाएगा। वहीं असंध, निसिग सहित जिला के अन्य क्षेत्रों में भी किसानों द्वारा रोष प्रदर्शन व सड़क जाम करने की चर्चाएं बुधवार को भी दिन भर जारी रहीं। हाथ में नहीं लेने देंगे कानून व्यवस्था : एसपी
एसपी गंगाराम पूनिया का कहना है कि किसी को कानून व्यवस्था हाथ में नहीं लेने दी जाएगी। किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस ने अपने स्तर पर पुख्ता प्रबंध किए हैं। चार डीएसपी व ड्यूटी मजिस्ट्रेट की निगरानी में छह कंपनियां मोर्चा संभालेंगी जबकि एक कंपनी को रिजर्व रखा गया है। खुफिया तंत्र से पल-पल की जानकारी ली जा रही है तो बाकी पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। किसान संगठनों से भी शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है। जरूरत पड़ने पर रूट डायवर्ट करने की योजना तैयार की गई है। नेशनल व स्टेट हाइवे बाधित करने पर अदालत की पाबंदी
बता दें कि जिला न्यायलय द्वारा भी नेशनल व स्टेट हाइवे बाधित करने पर पाबंदी लगा दी गई है। न्यायालय ने बुधवार को एक याचिका पर जारी अपने आदेशों में कहा कि शांतिपूर्ण ढंग से अपनी बात कहने का हर किसी को अधिकार है, लेकिन इसका दुरुपयोग करते हुए सड़क व रेल यातायात बाधित कर आम जन को परेशानी में नहीं डाला जा सकता। न्यायालय के ये आदेश सोशल मीडिया पर भी दिनभर वायरल किए जाते रहे।