हैप्पी सीडर से गेहूं की बुआई करें किसान : डॉ. दिलीप
क्षेत्र के गांगर गांव में संरक्षित खेती पर शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि विज्ञान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. दिलीप गोसाईं पहुंचे। उन्होंने किसानों को कहा कि धान की फसल को काटने की बाद अवशेषों में आग नहीं लगाएं बल्कि अवशेषों को जमीन में गलाएं इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी।
जागरण संवाददाता, करनाल: क्षेत्र के गांगर गांव में संरक्षित खेती पर शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें कृषि विज्ञान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. दिलीप गोसाईं पहुंचे। उन्होंने किसानों को कहा कि धान की फसल को काटने की बाद अवशेषों में आग नहीं लगाएं, बल्कि अवशेषों को जमीन में गलाएं, इससे जमीन की उर्वरा शक्ति बनी रहेगी। किसान हैप्पी सीडर से गेहूं की बुआई करें, क्योंकि इससे किसानों की बुआई का खर्च बचता है और समय भी कम लगता है। डॉ. गोसाईं ने कहा की सरकार द्वारा चलाए जा रहे अभियान के तहत जिलेभर में किसानों के समूहों को सब्सिडी पर हैप्पी सीडर, मल्चर, सीड ड्रिल व अन्य उपकरण उपलब्ध करे जा रहे हैं, ताकि किसान फसलों अवशेष का प्रबंधन सही कर पाए। उन्होंने कहा की पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी हरित अभिकरण ग्रीन ट्रिब्यूनल ने इस बात को बहुत गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि किसान धान के काटने के बाद खड़े अवशेषों में जीरो ड्रिल तथा हैप्पी सीडर से गेहूं की बुआई करे जिससे सभी समस्याओं का समाधान होगा। इस मौके पर पर गांगर गांव के दीपक राणा ने हैप्पी सीडर से धान के खड़े अवशेषों में गेहूं की बुआई की।