Move to Jagran APP

मौसम एवं जलवायु के प्रति जागरूक हों किसान : डा. एमएस चौहान

जागरण संवाददाता करनाल राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में संस्थान के

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Dec 2021 11:03 PM (IST)Updated: Thu, 23 Dec 2021 11:03 PM (IST)
मौसम एवं जलवायु के प्रति जागरूक हों किसान : डा. एमएस चौहान
मौसम एवं जलवायु के प्रति जागरूक हों किसान : डा. एमएस चौहान

जागरण संवाददाता, करनाल : राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में संस्थान के निदेशक डा. मनमोहन सिंह चौहान की अध्यक्षता में किसान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर फसल अवशेष प्रबंधन एवं विविधिकरण विषय पर किसान मेला एवं गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम से पूर्व निदेशक ने केन्द्र की गतिविधियों का अवलोकन किया। जिला कृषि मौसम सेवा इकाई का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि मौसम एवं जलवायु के प्रति जागरूक हो एवं मौसम सेवा इकाई द्वारा प्रदान की जा रही सेवा का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि फसल अवशेष प्रबंधन आज की जरूरत इसलिए है, क्योंकि इससे हमारा भविष्य तय होने वाला है। इसी प्रकार पराली जलाते रहे तो एक दिन ऐसा आएगा जब हमें अनाज का आयात करना पड़ेगा। क्योंकि पराली जलाने से जो भूमि एवं क्षय होता है उसकी वजह से भूमि की ऊपरी परत में न केवल पोषक तत्वों को कमी हो जाती है बल्कि पौधों का अंकुरण एवं विकास भी रुक जाता है।

loksabha election banner

उन्होंने जोर देकर कहा कि आने वाले समय में स्कूल के बच्चों को ऐसी शिक्षा देने की जरूरत है जिससे वे भविष्य में पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधनों के प्रति संवेदनशील नागरिक बन सकें। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि संयुक्त निदेशक, अनुसंधान, डा. धीर सिंह ने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा पराली प्रबंधन परियोजना के अंतर्गत पूरे करनाल जिले के किसानों के बीच ही नहीं अपितु विभिन्न प्रशिक्षण कार्यकर्मों में जो पराली प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है, वह सराहनीय है।

कार्यक्रम के तकनीकी सत्र में मोहर सिंह ने किसानों को पराली प्रबंधन की विभिन्न मशीनों की तुलनात्मक उपयोगिता की जानकारी दी। डा. राकेश कुमार, प्रधान वैज्ञानिक ने फसल अवशेषों का वैज्ञानिक विधि से प्रबंधन पर व्याख्यान दिया। डा. एचएस जाट, प्रधान वैज्ञानिक, केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान, करनाल द्वारा टिकाऊ मृदा स्वास्थ्य के लिये पराली प्रबंधन पर अपने विचार व्यक्त किए। भारतीय गेहूं एवं जौ अनुसंधान संस्थान के प्रधान वैज्ञानिक डा. अनुज कुमार ने टिकाऊ फसल उत्पादन के लिए फसल प्रबंधन एवं नकदी फसलों के साथ विविधिकरण पर किसानों को जानकारी प्रदान की। कार्यक्रम में करनाल एवं अन्य जिलों के कुल 336 किसानों ने भाग लिया। तकनीकी सत्र का संचालन डा. राज कुमार ने किया। संस्थान के विस्तार शिक्षा विभाग के प्रधान वैज्ञानिक डा. गोपाल सांखला द्वारा धन्यवाद प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केंद्र के डा. रमेश चन्द्र, डा. नीलम उपाध्याय, डा. योगेश कुमार, डा. जितेंद्र सिंह राणा, डा. राकेश टोंक, मुनीश लहरवान, दीपा कुमारी, अरुण कुमार, सतीश मीना, बलदेव सिंह,कुमारी ममता एवं आलम चौहान ने योगदान किया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.