कम बच्चों वाले स्कूलों पर गिर सकती गाज
शिक्षा विभाग ने कम बच्चों वाले स्कूलों को मर्ज करने का निर्णय लिया है।
जागरण संवाददाता, करनाल : शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के तमाम प्रयासों के बावजूद जिले के 23 स्कूल बंद होने की कगार पर हैं। इन प्राथमिक स्कूलों में 25 से कम बच्चे पढ़ रहे हैं और शिक्षकों की संख्या पर्याप्त नहीं है। जिला मुख्यालय में एसी में बैठे अधिकारी न तो इन स्कूलों में बच्चों की संख्या बढ़ाने में सफल हो सके और न ही दसवीं के परीक्षा परिणाम में बेहतर परिणाम हासिल कर सके। शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लचर कार्यप्रणाली के चलते प्रदेश सरकार को सरकारी स्कूलों को चालू रखने के लिए मिड-डे-मील, छात्रवृत्ति जैसी योजनाओं का सहारा लेना पड़ रहा है। सरकार के प्रयासों के बावजूद सरकारी स्कूल अपना प्रदर्शन नहीं कर पा रहे हैं। मौलिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को लिखित आदेश जारी कर ऐसे स्कूलों की रिपोर्ट मांगी है। चालू सत्र में बच्चों ने नहीं लिया दाखिला
जिले में 488 प्राइमरी व मिडल स्कूल हैं, जिनमें विभाग का शिक्षा का स्तर सुधारने का प्रयास कर रहा है। शिक्षकों के डोर-टू-डोर प्रचार के बावजूद इन स्कूलों में अभिभावकों ने बच्चों को दाखिला नहीं दिलाया। कतलाहेड़ी में रहने वाले सुखपाल सिंह ने बताया कि निजी स्कूल में बेटा 9वीं की पढ़ाई कर रहा है। राज्य सरकार के प्रयासों के बावजूद सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाई करवाने में शिक्षक गंभीर नहीं हैं, जिसके चलते रिजल्ट में सुधार नहीं हो रहा है। प्रत्येक माता-पिता अपने बच्चों के भविष्य के प्रति गंभीर होता है, जिसके लिए उसे मजबूरन निजी स्कूलों में मोटी फीस भरनी पड़ती है। कुछ स्कूल तो बिना मुखिया के चल रहे हैं। खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में आधे से अधिक पद खाली हैं। इसके अलावा शिक्षकों से दूसरे कार्य लिए जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होती है। इस कारण अभिभावक अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में दाखिला नहीं दिलाते। एक किलोमीटर में बच्चे को दाखिला
बीईओ परमजीत चहल ने बताया कि एक स्कूल में कम से कम दो शिक्षक होने जरूरी हैं, जबकि 25 बच्चों पर एक शिक्षक होता है। अगर किसी स्कूल में 25 से कम बच्चे हैं और दो शिक्षक होने जरूरी हो जाते हैं। विभाग ने शिक्षकों की संख्या को पूरा करने व स्कूलों में बच्चों का अनुपात बढ़ाने के लिए युक्तिकरण करने की योजना बनाई है। आदेशानुसार ऐसे स्कूल जहां 25 से कम बच्चे हैं उन्हें साथ लगते एक किलोमीटर के दायरे वाले स्कूल में मर्ज कर दिया जाएगा।