ईएसआइ अस्पताल! 68 साल पहले के स्वीकृत पद, बीमाधारक हुए पांच गुना
राजकीय बीमा कर्मचारी चिकित्सालय के हालात सिविल अस्पताल से भी अधिक बदतर हैं। करीब 46 साल पहले स्वीकृत हुए पद अभी तक चले आ रहे हैं जबकि बीमाधारकों की संख्या पांच गुना बढ़ चुकी है।
जागरण संवाददाता, पानीपत: राजकीय बीमा कर्मचारी चिकित्सालय के हालात सिविल अस्पताल से भी अधिक बदतर हैं। करीब 46 साल पहले स्वीकृत हुए पद अभी तक चले आ रहे हैं, जबकि बीमाधारकों की संख्या पांच गुना बढ़ चुकी है। अस्पताल के ये हालात तब हैं जब बजट का 75 फीसद केंद्र और 25 प्रतिशत रकम राज्य सरकार खर्च करती है। लोकसभा चुनावों में श्रमिकों की सेहत राजनीतिक दलों के एजेंडे में भी शामिल नहीं है।
ईएसआइ अस्पताल का शुभारंभ 16 जून 1971 को प्रदेश के तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री खुर्शीद अहमद ने किया था। अस्पताल के अलावा गांव नांगलखेड़ी और मॉडल टाउन में डिस्पेंसरी भी है। बरसत रोड पर जो डिस्पेंसरी खुलनी थी, उसे हाल ही में अस्पताल परिसर में ही खोल दी है। उद्घाटन वर्ष में बीमाधारकों की संख्या मात्र 30 हजार थी, अब 1.42 लाख तक पहुंच गई है। चौंकाने वाली बात यह कि उद्घाटन वर्ष के स्वीकृत पदों में से भी कुछ रिक्त है। मात्र छह डॉक्टर हैं, दो छुट्टी लंबी छुट्टी पर हैं जबकि वर्तमान में कम से कम 40 डॉक्टर होने चा ही चले आ रहे हैं।
शिशु रोग, गायनोलॉजिस्ट, फिजिशियन और छाती रोग विशेषज्ञ तक अस्पताल में नहीं है। एंबुलेंस भी एक है जो अधिकांश फरीदाबाद रहती है। चिकित्सा अधीक्षक शिव कुमार ने बताया कि डॉक्टरों की नियुक्तियां होनी थी, चुनाव आचार संहिता के चलते टल गई हैं।