पीएनजी पाइप बिछाते समय टूट रही पेयजल सप्लाई पाइप, घरों में पहुंच रहा दूषित पानी
शहर के विकास में आगे दौड़ पीछे चौड़ की कहावत को चरितार्थ करती अधिकारियों की कार्यप्रणाली का खामियाजा सेक्टरवासियों को दूषित पेयजल सप्लाई से भुगतना पड़ रहा है। सेक्टर-9 में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) पाइन लाइन बिछाते समय बार-बार पेयजल सप्लाई पाइप क्षतिग्रस्त होने से यहां लोगों भीषण गर्मी में बिना पेयजल रहना पड़ता है।
जागरण संवाददाता, करनाल : शहर के विकास में आगे दौड़ पीछे चौड़ की कहावत को चरितार्थ करती अधिकारियों की कार्यप्रणाली का खामियाजा सेक्टरवासियों को दूषित पेयजल सप्लाई से भुगतना पड़ रहा है। सेक्टर-9 में पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) पाइन लाइन बिछाते समय बार-बार पेयजल सप्लाई की पाइप क्षतिग्रस्त होने से यहां लोगों भीषण गर्मी में बिना पेयजल रहना पड़ता है। शहरवासियों की मानें तो कोरोना के दौरान घर में दूषित पेयजल सप्लाई बीमारी को न्योता देने जैसा है इसके बावजूद उनकी शिकायत पर कार्रवाई नहीं जाती। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) अधिकारियों के अनुसार नगर निगम को परमिशन देने से पहले उनके विभाग से एनओसी न लेने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं, सप्लाई बाधित होने से इलाके के लोगों को जरूरी काम के लिए पानी की बोतलें खरीदकर गुजारा करना पड़ता है।
तुरंत लीकेज ठीक न करने के कारण बह जाता है हजारों लीटर साफ पानी
अधिकारियों की लापरवाही इतनी है कि पेयजल सप्लाई पाइप लाइन टूटने के बाद ठीक करने के लिए समय सीमा के नियमों का पालन नहीं किया जाता, जिसके चलते हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह जाता है। सड़क पर पानी जमा होने से आवाजाही प्रभावित होती है और घरों में भी पानी की सप्लाई नहीं पहुंच पाती। अधिकारियों को अवगत करवाने के बावजूद जिम्मेदारी एक-दूसरे के ऊपर थोपी जाती है। सेक्टरवासी सतीश कुमार का कहना है कि बार-बार शिकायत करने पर भी कार्रवाई नहीं की जाती। सड़क पर पानी ही पानी भरा रहता है और राहगीरों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कोरोना से बचाव के दौरान दूषित सप्लाई से बीमारी का खतरा बना रहता है और घरों तक पानी न पहुंचने से रोजाना के सामान्य काम करने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
समस्या को ठीक कराने में एकमत नहीं अधिकारी
नगर निगम के उप-नगर निगम आयुक्त धीरज कुमार ने बताया कि पाइप लाइन टूटने संबंधित मामलों पर संबंधित एजेंसी के सदस्यों से पूछताछ की जाएगी। हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (एचएसवीपी) की ओर से पत्र मिलने पर उनकी तरफ से एनओसी को प्रावधान जरूर रखा जाएगा। वहीं एचएसवीपी एक्सईएन धर्मवीर ने बताया कि पाइप लाइन टूटने संबंधित नगर निगम को कई बार पत्र लिखा है लेकिन कोई सुनवाई नहीं की जाती। पीएनजी पाइन लाइन डालते समय विभाग के कर्मचारी को साथ न रखने से नुकसान होता है और पेयजल सप्लाई बाधित होने पर विभाग के कर्मचारियों को लाइन ठीक करनी पड़ती है। उधर, इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड उपमहाप्रबंधक अंकुश जैन ने बताया कि नगर निगम से परमिशन के दौरान किसी तरह की नुकसान की जिम्मेदारी एजेंसी लेती है। अगर कहीं पाइप टूटती है तो तुरंत ठीक करवा दिया जाता है।
अगस्त-2018 में शुरू किया था पीएनजी प्रोजेक्ट पर काम
सीएम सिटी के 30 हजार घरों को रसोई गैस सिलेंडर से निजात दिलाने के लिए पाइप्ड नेचुरल गैस (पीएनजी) कनेक्शन किए जा रहे हैं। इसके अलावा नीलोखेड़ी, तरावड़ी, घरौंडा, असंध, इंद्री, निसिग में भी लोगों को सुविधा देने की योजना है। इंद्रप्रस्थ गैस लिमिटेड की ओर से कंपनी ने वर्ष-2018 में सेक्टर-4 में पीएनजी पाइप लाइन बिछाने का काम शुरू किया था और वर्ष 2023 तक 14500 घरों में कनेक्शन देने का टारगेट रखा है। प्रोजेक्ट इंचार्ज अंकुश जैन ने बताया कि सेक्टर 4, 5, 6 और 13 में एक हजार घरों तक पाइप लाइन बिछाने के बाद चार हजार कनेक्शन दे दिए हैं और 400 लोगों को सप्लाई मिल रही है। सेक्टर-7, 8, 9 में पांच हजार घरों को चार माह में गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाया जाएगा। 106.365 किलोमीटर में बिछाई पाइप लाइन से कुछ घरों में सप्लाई चालू कर दी गई है।