हरियाणा के किसान व पशुपालक बेहद मेहनती: डॉ. बालियान
करनाल में केंद्रीय पशुपालन मत्स्य एवं डेयरी राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि हरियाणा के किसान व पशुपालक बेहद मेहनती और ईमानदार हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : केंद्रीय पशुपालन, मत्स्य एवं डेयरी राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान ने कहा कि हरियाणा के किसान व पशुपालक बेहद मेहनती और ईमानदार हैं। इसी के बूते उन्होंने प्रदेश को देशभर में कृषि तथा दुग्ध उत्पादन में नंबर वन बनाया है। प्रदेश सरकार ने भी इस वर्ग के हित में ऐसी योजनाएं पेश की हैं, जिसकी मिसाल देश के अन्य किसी भी राज्य में नहीं मिलती।
डॉ. बालियान ने रविवार को एनडीआरआइ मैदान में आयोजित तीन दिवसीय राज्य पशुधन प्रदर्शनी के समापन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने प्रदर्शनी में स्टालों का अवलोकन करने के अलावा उत्कृष्ट दुधारू पशुओं के मालिकों को पुरस्कृत किया। उन्होंने कहा कि हरियाणा में पशुपालकों के लिए क्रेडिट कार्ड योजना लागू है, जिससे पशुपालक तीन लाख रुपये तक का ऋण चार प्रतिशत पर ले सकता है। प्रदेश सरकार ने पशुओं में मुंहखुर व गलघोटू रोगों के लिए संयुक्त रूप से एक ही वैक्सिन इजाद करके इन्हें प्रदेश से खत्म कर दिया है। कृत्रिम गर्भाधान के लिए सरकार ने उदारता दिखाते हुए इसकी बहुत कम कीमत रखी है। अन्य प्रदेशों को भी हरियाणा सरकार की योजनाओं का अनुसरण करना चाहिए। यहां का किसान रात-दिन मेहनत करता है लेकिन जो दर्जा किसानों को मिलना था, नहीं मिला। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का लक्ष्य है कि देश के किसान की आय 2022 तक दोगुनी हो, इसलिए हरियाणा ने कृषि के साथ-साथ पशुधन को भी जोड़ा है। मोदी सरकार ने एफएमडी में 13, 500 करोड़ रुपये का बजट रखा है। हरियाणा, पंजाब ने सूअर की नस्ल में सुधार की पहल की। ऐसे सार्थक प्रयास किये जाएंगे तो हर असंभव कार्य संभव होगा। केन्द्र सरकार हरसंभव मदद के लिए तैयार है।
पशुपालन मंत्री जयप्रकाश दलाल ने कहा कि हरियाणा सरकार पशुओं की नस्ल में सुधार करके प्रदेश को दूध के उत्पादन में नम्बर दो से एक पर लाना चाहती है। इसके लिए पशुपालकों को जागरूक करने की खातिर पशुधन प्रदर्शनी लगाई जाती है ताकि पशुपालक उर्जावान बनें। हरियाणा सरकार का प्रयास है कि जिस व्यक्ति के पास कुछ काम नहीं है, उसे 20 भेड़ निशुल्क देकर स्वरोजगार प्रदान किया जाए। योजना है कि बीमार पशुओं का उनके घर-द्वार पर इलाज हो। यहां की मुर्रा नस्ल की भैंस दूध उत्पादन में सबसे आगे है।
पशुपालन विभाग के प्रधान सचिव राजशेखर वडरू ने सभी का धन्यवाद करते हुए दावा किया कि तीन दिवसीय आयोजन बारिश और कोरोना वायरस के असर के बाद भी सफल रहा। पशुपालन में हरियाणा ने देश में अग्रणी स्थान प्राप्त किया है। देश में प्रति व्यक्ति 394 ग्राम दूध का उत्पादन होता है जबकि अकेले हरियाणा में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन करीब 1068 ग्राम है। पहली बार देश में हरियाणा ने मुंहखुर व गलघोंटू रोगों को प्रदेश के पशुओं से बाहर कर दिया है।
पशुपालन महानिदेशक ओपी छिक्कारा ने बताया कि प्रदर्शनी में पशुओं की अलग-अलग 53 श्रेणियां बनाकर उत्कृष्टता का मुकाबला कराया गया। श्रेष्ठ पशुओं के मालिकों को 36 लाख रुपये के पारितोषिक वितरित किए गए। उपनिदेशक डॉ. सुखबीर सिंह ने आभार जताया। गोसेवा आयोग के अध्यक्ष भानीराम मंगला, लुवासा के वीसी डॉ. गुरुदयाल सिंह, डॉ. शक्ति सिंह, एसडीएम नरेंद्रपाल मलिक, भाजपा नेता इलम सिंह और तालाब प्राधिकरण के सदस्य तेजिन्द्र सिंह तेजी आदि उपस्थित थे।
ब्रीडिग में ये पशु सम्मानित
प्रदर्शनी में रोहतक के देवेन्द्र के मुर्रा भैंसे, पानीपत के विजेन्द्र के हरियाणवी नस्ल के भैसें, तरावड़ी के रणदीप सिंह की साहीवाल नस्ल की गाय, करनाल के शामगढ़ के प्रदीप की क्रॉस ब्रीडिग गाय के लिए प्रत्येक को ढाई लाख रुपये के चेक दिए गए। हिसार के राजिन्द्र कुमार को भैंस, हिसार के बजिन्द्र सिंह को हरियाणवी गाय, करनाल के दादुपुर खुर्द के प्रेम सिंह को साहीवाल गाय से दूध उत्पादन के लिए तथा करनाल जुंडला के गुरमीत सिंह को क्रॉस ब्रीडिग गाय के लिए एक-एक लाख रुपये दिए गए।
दूध उत्पादन में मुर्रा भैंस अव्वल
हिसार नितानी गांव के सुखबीर सिंह की मुर्रा भैंस ने एक दिन में 35 किलो 900 ग्राम दूध उत्पादन करके प्रथम स्थान प्राप्त किया। करनालवासी बलदेव की गाय ने एक दिन में 66 किलो 200 ग्राम दूध उत्पादन करके प्रथम स्थान प्राप्त किया। देसी नस्ल में रोहतकवासी अभिजीत खुराना की देसी गाय ने प्रतिदिन 20 किलो दूध उत्पादन से प्रथम स्थान प्राप्त किया। सभी को ढाई-ढाई लाख रुपये दिए गए।
जिला स्तर पर भी दिए पुरस्कार
प्रदर्शनी में जिला स्तर पर विभिन्न श्रेणियों में पुरस्कार दिए गए। इसके तहत 31 हजार रुपये प्रथम, 21 हजार द्वितीय व 11 हजार तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले सांड, गाय व भैंस के मालिक को दिए गए। जबकि हर श्रेणी में दो-दो पशुपालकों को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किए गए।