Move to Jagran APP

प्लास्टिक के बर्तन इस्तेमाल ना करें लोग, इसलिए निगम ने मंगवाए स्टील के सेट

स्वास्थ्य के लिए मान्य कुछ प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को छोड़कर हानिकारक प्लास्टिक और इसके समकक्ष डिस्पोजल बर्तनों से निजात के लिए नगर निगम एक अनूठी पहल की है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Apr 2019 01:24 AM (IST)Updated: Tue, 09 Apr 2019 06:41 AM (IST)
प्लास्टिक के बर्तन इस्तेमाल ना करें लोग, इसलिए निगम ने मंगवाए स्टील के सेट
प्लास्टिक के बर्तन इस्तेमाल ना करें लोग, इसलिए निगम ने मंगवाए स्टील के सेट

जागरण संवाददाता, करनाल : स्वास्थ्य के लिए मान्य कुछ प्लास्टिक प्रोडक्ट्स को छोड़कर हानिकारक प्लास्टिक और इसके समकक्ष डिस्पोजल बर्तनों से निजात के लिए नगर निगम एक अनूठी पहल की है। इसके लिए जगाधरी से थालीनुमा स्टील के 300 बर्तनों के सैट मगवाएं गए हैं। इसमें एक चम्मच और गिलास भी है।

loksabha election banner

बड़े आकार की चौरस थाली में दाल, सब्जी, चावल इत्यादि डालने के लिए अलग-अलग प्रावधान हैं। खास बात यह है कि शहर में आए दिन धार्मिक आयोजन में कोई भी व्यक्ति अथवा संस्थान बर्तनों के सैट को निगम से बिना शुल्क के प्रयोग के लिए ले जा सकते हैं। इसमें एक ओर खास बात यह भी है कि ऐसी पहल करने वाला करनाल नगर निगम प्रदेश का पहला नगर निगम है।

इस मामले को लेकर आयोजित बैठक में मुख्य सफाई निरीक्षक सुरेन्द्र चोपड़ा, जैन समाज के प्रमुख पदाधिकारीगण, संजय बतरा, सुरेश पुनिया, भीम सिंह सैनी, राजेश पिचौलिया, अजय कुमार, सुशील जैन, नवीन जैन, रतन लाल जैन, डॉ. राकेश मित्तल, डॉ. मोहन लाल, अनिल जैन, निगम के ट्रीगर मास्टर गुरदेव व मोटीवेटर सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

शहर को स्वच्छ रखने में मिलेगी मदद : धीरज कुमार

उप निगमायुक्त धीरज कुमार ने कहा कि इस शुरुआत से शहर को स्वच्छ रखने में ओर मदद मिलेगी। शहर में रोजाना कहीं ना कहीं धार्मिक या संस्थाओं के कार्यक्रम होते रहते हैं। इसमें भोजन परोसने के लिए डिस्पोजल बर्तनों का इस्तेमाल होता रहता है। अक्सर खाना-खाने के बाद संस्था के लोग डिस्पोजल को या तो खुले में या फिर एक जगह इकठ्ठा करके छोड़ देते हैं। ऐसे डिस्पोजल पर्यावरण को खराब करने के साथ-साथ वेस्ट प्लांट में दुविधा पैदा करने के अलावा कुछ नहीं करते। क्योंकि प्लास्टिकनुमा पदार्थ से बने डिस्पोजल से ना तो खाद बनाई जा सकती है और ना ही रि-साईकिल किया जा सकता है।

संस्था को निगम में देना होगा आवेदन

जो संस्था प्रयोग के लिए इन्हें लेना चाहे, उसे निगम में पहले आवेदन देना होगा। आवेदन के आधार पर ही डिमांड करने वाली संस्था को बर्तन देंगे और प्रयोग के तुरंत बाद साफ करके निगम में पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी शुरुआत है, लोगों की मांग अनुसार इनकी संख्या को बढ़ाया जा सकेगा। जब संस्थान या धार्मिक सभा निगम से बर्तनों को लेने लगेगी, तो डिस्पोजल बर्तनों का प्रयोग कम होने लगेगा और स्वच्छता में सुधार होगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.