नपा चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव 13 मतों से पास
नगरपालिका सदन में जारी खींचतान में आखिरकार भाजपा समर्थित पार्षदों ने भाजपा समर्थित अध्यक्ष की कुर्सी पलट दी। बीते डेढ़ माह से अध्यक्ष के खिलाफ लामबंद हुए 13 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी एकजुट रहे।
संवाद सहयोगी, घरौंडा : नगरपालिका सदन में जारी खींचतान में आखिरकार भाजपा समर्थित पार्षदों ने भाजपा समर्थित अध्यक्ष की कुर्सी पलट दी। बीते डेढ़ माह से अध्यक्ष के खिलाफ लामबंद हुए 13 पार्षद अविश्वास प्रस्ताव को लेकर भी एकजुट रहे। लिहाजा, नपा कार्यालय के सभागार में जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार की मौजूदगी में हुए गुप्त मतदान में अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया। नपा अध्यक्ष को गिराने के लिए एकजुट हुए 13 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव पास होने की खुशी लड्डू बांटकर जाहिर की।
अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर नगरपालिका पार्षदों के बीच लंबे समय से चल रहा अंतर्कलह आखिरकार चरम पहुंच ही गई। अध्यक्ष सुभाष गुप्ता के खिलाफ बगावती तेवर अपनाने वाले 13 पार्षदों के मंसूबे कामयाब रहे। अध्यक्ष के खिलाफ लामबंद हुए पार्षदों ने बीती 3 जनवरी को डीसी करनाल को अविश्वास प्रस्ताव दिया था। प्रशासन की ओर से पूर्व निर्धारित 18 फरवरी के दिन ठीक साढ़े 11 बजे जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार नगरपालिका कार्यालय पहुंचे और अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी। अविश्वास प्रस्ताव का फैसला गुप्त मतदान के जरिये किया गया, जिसमें सभी 13 पार्षदों ने अध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया। इससे नो कॉन्फिडेंस मोशन पास हो गया।
अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 13 पार्षद
नगरपालिका सभागार में मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुशील कुमार की देखरेख में अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में 13 पार्षदों ने गुप्त मतदान किया। इसमें वार्ड दो की पार्षद बबली देवी, वार्ड पांच की नीलम ¨सगला, वार्ड छह की शीला देवी, वार्ड सात के कंवलजीत ¨प्रस, वार्ड नौ के विक्रमजीत चौहान, वार्ड दस से राम ¨सह, वार्ड-11 से ऊषा देवी, वार्ड-12 से अमरीक ¨सह, वार्ड नंबर-13 से विकास कुमार, वार्ड-14 से ओंकार शर्मा, वार्ड-15 से पंकज गुलाटी, वार्ड-16 से प्रोमिला देवी व वार्ड नं. 17 से सुनील पाल ने अध्यक्ष के खिलाफ मतदान किया।
सीसीटीवी कैमरे में देखते रहे वो¨टग प्रक्रिया
हालांकि अविश्वास प्रस्ताव का फैसला पार्षदों की गुप्त वो¨टग के जरिये हुआ। लेकिन सभागार में चल रही पूरी मतदान प्रक्रिया को पार्षद प्रतिनिधियों ने कार्यालय में लगे सीसीटीवी कैमरों के जरिये लाइव देखा। कार्रवाई पर्यवेक्षक रहे सुशील कुमार ने सिर्फ पार्षदों को सभागार में दाखिल होने की अनुमति दी थी। प्रशासन की ओर से अविश्वास प्रस्ताव की पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई।
मानहानि का करूंगा केस : पूर्व प्रधान ¨सगला
नपा के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र ¨सगला ने कहा कि पूर्व अध्यक्ष सुभाष गुप्ता हिटलरशाही पर उतारू थे। जितना भ्रष्टाचार इस प्रधान के कार्यकाल में हुआ उतना आज तक नहीं हुआ। ¨सगला ने कहा कि सुभाष गुप्ता को जब लगा कि उनकी कुर्सी जाने वाली है तो उन्होंने औछे हथकंडे अपनाए और दो महिला पार्षदों की सदस्यता को रद्द कराने के लिए उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। लेकिन वहां भी मुंह की खानी पड़ी। अब वह उनके खिलाफ मानहानि का केस करेंगे।
वहीं, अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में खड़े हुए पार्षदों ने कहा कि हम अपने मंसूबों में कामयाब हो गए है। निश्चित तौर पर हमें इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी।
खींचतान ने खोले कई राज
अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर पार्षदों के बीच चली खींचतान ने सदन के कई अंदरूनी राज खोल दिए। सुभाष गुप्ता ने सुबूतों के साथ जहां वार्ड दो की पार्षद बबली देवी व वार्ड पांच की पार्षद नीलम ¨सगला पर चुनाव नामांकन में फर्जी दस्तावेजों के इस्तेमाल का पर्दाफाश किया, वहीं पूर्व नपा प्रधान रामनिवास ने कुछ पार्षदों पर नगरपालिका की पुरानी इंटरलॉ¨कग टाइल्स बेचने के गंभीर आरोप भी लगाए। महिला पार्षदों की ओर से नामांकन प्रक्रिया में प्रयोग दस्तावेजों का मामला माननीय हाई कोर्ट में विचाराधीन है। आगामी 27 फरवरी को इस मामले में सुनवाई होगी। वर्जन
मैंने ढाई वर्षो तक शहर में एक समान रूप से विकास कार्य कराए हैं। मुझे सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुना गया था। लेकिन कुछ पार्षद लगातार मेरे खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे। ऐसे लोगों ने कुछ साथियों को बहला-फुसलाकर अविश्वास प्रस्ताव लाने का काम किया है। नपा की कमान किसी को भी मिले, मैं और मेरे साथी शहर के विकास कार्यो के लिए अपना पूरा योगदान देते रहेंगे।
-सुभाष गुप्ता, पूर्व चेयरमैन, नपा घरौंडा। वर्जन-
3 जनवरी को नगरपालिका के 13 पार्षदों ने उपायुक्त को नपा प्रधान सुभाष गुप्ता के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। उपायुक्त ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर 18 फरवरी तय की थी। सभी पार्षदों की वो¨टग कराई गई है। जिसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पास हो गया है।
-सुशील कुमार, मुख्य कार्यकारी सदस्य, जिला परिषद करनाल।