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गंदा नाला टूटा, गेहूं की फसल में भरा पानी

करनाल से मुंडोगढ़ी तक जाने वाला गंदा नाला एक बार फिर टूट गया। नाला टूटने से बसी अकबरपुर के पास किसानों की करीब 12 एकड़ में खड़ी फसल जलमग्न हो गई। किसानों व आस-पास के ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद टूटे हुए नाले का पानी रोका। आक्रोशित किसानों ने नारेबाजी कर रोष जताते हुए कहा कि बार-बार नाला टूट रहा है, लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है। पिछले सप्ताह 22 एकड़ फसल हो गई थी खराब करनाल से कैरवाली, कुटेल, चौरा, बसी, गढ़ी खजूर, बहलोलपुर से होकर मुंडोगढ़ी तक जाने वाला गंदा नाला किसानों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। लगभग सप्ताह पहले गंदा नाला टूटने से बहलोलपुर में 22 एकड़ भूमि में खड़ी गेहूं की फसल जलमग्न हो गई थी।

By JagranEdited By: Published: Wed, 18 Apr 2018 06:31 PM (IST)Updated: Thu, 19 Apr 2018 01:00 AM (IST)
गंदा नाला टूटा, गेहूं की फसल में भरा पानी
गंदा नाला टूटा, गेहूं की फसल में भरा पानी

संवाद सहयोगी, घरौंडा : करनाल से मुंडोगढ़ी तक जाने वाला गंदा नाला एक बार फिर टूट गया। नाला टूटने से बसी अकबरपुर के पास किसानों की करीब 12 एकड़ में खड़ी फसल जलमग्न हो गई। किसानों व आस-पास के ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद टूटे हुए नाले का पानी रोका। आक्रोशित किसानों ने नारेबाजी कर रोष जताते हुए कहा कि बार-बार नाला टूट रहा है, लेकिन प्रशासन के कानों पर जूं तक नही रेंग रही है।

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पिछले सप्ताह 22 एकड़ फसल हो गई थी खराब

करनाल से कैरवाली, कुटेल, चौरा, बसी, गढ़ी खजूर, बहलोलपुर से होकर मुंडोगढ़ी तक जाने वाला गंदा नाला किसानों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। लगभग सप्ताह पहले गंदा नाला टूटने से बहलोलपुर में 22 एकड़ भूमि में खड़ी गेहूं की फसल जलमग्न हो गई थी। बुधवार को गांव बसी अकबरपुर के पास गंदा नाला टूटने से किसानों की लगभग 12 एकड़ में खड़ी गेहूं की फसल पानी में डूब गई। जहां कुछ किसान फसल को पानी से बाहर निकालते नजर आए, वहीं कुछ मशीनों की सहायता से टूटे गंदे नाले को बंद करने के प्रयास में जुटे रहे। लगभग तीन घंटे की मशक्कत के बाद टूटे नाले को बंद किया।

कैसे करेंगे गुजर बसर

किसान संजय राणा, राजवीर, राजपाल, राम¨सह, रामचंद, संदीप मल्होत्रा, करण मल्होत्रा व अन्य का कहना है कि चाहे धान की फसल हो या गेहूं की, गंदे पानी की निकासी के लिए बनाया गया यह गंदा नाला हर बार तबाही का मंजर लेकर आता है। धान के सीजन में भी कई एकड़ पर पानी फिर गया था और आज गेहूं के सीजन में भी लगभग 12 एकड़ फसल पानी में डूब कर बर्बाद हो चुकी है। किसानों का कहना है कि उनकी पकी पकाई फसल तो नाले के पानी में बर्बाद हो गई। अब वे कैसे अपना गुजर-बसर करेंगे।

नहीं देखने आया कोई प्रशासनिक अधिकारी

किसानों का कहना है कि गंदे नाले के ओवरफ्लो होने कारण उनके दर्जनों एकड़ भूमि पर खड़ी गेहूं की फसल बर्बाद हो रही है। नाले के बार-बार टूटने का मुख्य कारण इसका ओवरफ्लो होना है। पीछे से नाले में पानी का बहाव काफी ज्यादा है। जिससे इसके दोबारा टूटने की आशंका बनी हुई है, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी आंखें मूंदे बैठे हैं। उन्हें किसानों की समस्या नजर नहीं आ रही। किसानों का आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने नाले की खोदाई में गोलमाल किया है। यही कारण है कि नाला बार-बार टूट रहा है, लेकिन हमारी सुध लेने के लिए कोई अधिकारी भी मौके पर नहीं आता।


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