कलस्टर योजना के तहत अटका पांच गांवों का विकास
कलस्टर योजना के तहत अटका पांच गांवों का विकास
संवाद सहयोगी, असंध : कलस्टर कस्बे के पांच गांव के लिए अभिशाप बन चुका है। पांचों गांवों में विकास कार्य पूर्ण रूप से ठप हो चुके हैं। गांव की गलियों, नालियों का बुरा हाल है, लेकिन प्रदेश सरकार गांवों का शहरों की तर्ज पर विकास करने की घोषणा हर राजनीतिक मंच से करते हैं। केंद्र सरकार ने रूरल और अर्बन स्कीम बनाई हुई है। इसके तहत गांवों का विकास अब शहरों की तर्ज पर किया जाएगा। असंध के पांच गांव सालवन, बल्ला, मानपुरा, गोल्ली और फफड़ाना को कलस्टर स्कीम में शामिल किया गया है। इसके तहत इन पांच गांवों में 113 करोड़ रुपये की लागत से इनमें विकास कार्य करवाए जाएंगे। इन पांच गांवों में कलस्टर योजना के तहत सीवर सिस्टम का काम करवाया जाएगा, लेकिन यह योजना इन पांचों गांवों के लिए अभिशाप साबित हो रही है। गांव में कोई भी गलियां, नाली या नाले नहीं बनाए जाएंगे। अब इन गांवों के लिए यह योजना अभिशाप बन चुकी हैं क्योंकि इन गांवों में लगभग अठारह महीने से कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं। इसलिए अब इस योजना के लिए पांच गांवों सिस्टम के ग्रामीण सरकार को कोस रहे हैं।
ग्रामीणों ने कहा कि यह योजना इन पांच गांवों के लिए अभिशाप बन चुकी है गांवों की नालियां पानी से ओवरफलो हो चुकी हैं। गलियों में पानी भरा रहता है। गांव में सीवर सिस्टम कभी सफल नहीं हो सकता। क्योंकि गांव में पशु ज्यादा होते हैं ऐसे में सीवर में गोबर जाने से वह जाम हो जाएगा। कुलदीप शर्मा ने कहा कि गांव के सभी विकास के काम अधूरे पड़े है। कोई भी कार्य सुचारु रूप से नहीं चल पाया है। सरकार को जल्द से जल्द कलस्टर के तहत आने वाले गांव में विकास के कार्य शुरू करवा देने चाहिए। दुष्यंत राणा ने कहा कि कलस्टर गांव के लिए अभिशाप बन चुका है। गांव की गलियों का बुरा हाल है। पानी की निकासी न होने के कारण गांव की सभी गलियां बरसात के दिनों में तालाब बन जाती हैं। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो सरकार विकास की बात करती है दूसरी ओर सभी कार्य बंद करवाए हुए हैं। सोनू राणा ने कहा कि गांव में समस्याओं की भरमार है लेकिन सरकार के अधिकारी क्लस्टर का रोना रोकर किनारा कर जाते हैं। उन्होंने कहा सरकार के सभी वादे खोखले साबित हो रहे हैं। आशु शर्मा ने कहा कि जब से गांव की क्लस्टर में आने की घोषणा हुई है तभी से सभी विकास कार्य रुक गए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार शहर की तर्ज पर गांव के विकास की बात करती हैं लेकिन सभी दावे जमीनी स्तर पर धराशाही नजर आ रहे हैं। सरपंचों के कोट्स
सालवन गांव के सरपंच मित्रपाल शर्मा, बल्ला गांव के सरपंच दिलावर ¨सह, गोल्ली गांव की सरंपच उदेश, मानपुरा गांव की सरपंच मोनिका व फफडाना गांव के सरपंच दिलावर ¨सह का कहना है कि यह सरकार की अच्छी योजना है इसके तहत गांवों में ज्यादा विकास होगा। लेकिन सीवर सिस्टम के कारण फिलहाल गांव में गलियां, नाली व नालों के निर्माण नहीं हो रहे हैं जिससे कुछ परेशानी जरूर है। अब जब तक इसके तहत कार्य शुरू नहीं होंगे पंचायते ये काम नहीं कर सकती। सरपंचों का कहना है ग्रामीण हर रोज उनके पास गलियों आदि की समस्या लेकर आते है लेकिन हम भी मजबूर हैं।