महाग्राम योजना के कार्यों में धांधली के मामले ने तूल पकड़ा, निष्पक्ष जांच की मांग
जांच के लिए जन स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय कमेटी का गठन संवाद सहयोगी घरौंडा गांव को
जांच के लिए जन स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय कमेटी का गठन संवाद सहयोगी, घरौंडा : गांव कोहंड में महाग्राम योजना के कार्यों में धांधली उजागर होने के बाद प्रशासन भी हरकत आ गया है। हालांकि विभागीय जांच शुरू हो गई है लेकिन ग्रामीणों ने जांच कमेटी को लेकर ऐतराज जताया है।
ग्रामीणों का कहना है कि गड़बड़ी की जांच विभाग के अधिकारियों द्वारा ही की जा रही है। ऐसे में अधिकारी अपने डिपार्टमेंट के लोगों के पक्ष में रहेंगे। इसलिए किसी निष्पक्ष एजेंसी से जांच करवाई जाए। बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए सरकार ने कोहंड गांव को महाग्राम योजना के लिए चयनित किया। इसमें महाग्राम योजना के तहत काम भी शुरू हो चुका है, लेकिन योजना के तहत सीवर लाइन बिछाने के पहले फेस में ही गड़बड़ी सामने आ गई। जमीन के नीचे दबाई जा रही इन पाइपों में बड़ी लापरवाही बरती जा रही थी।
एक्सईएन विकास बालियान ने योजना के तहत हुए कार्यों की जांच के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का गठन किया है। इसमें दो एसडीओ और तीन जेई शामिल हैं। जांच कमेटी गांव में जाकर सीवर लाईन में प्रयोग किये गए मैटीरियल की सैम्पलिग करेगी। जांच में गड़बड़ी के शिकायते सही मिली तो सीवर लाईन को उखाड़ा जायेगा और तय मापदंड के अनुसार दोबारा कार्य होगा। गड़बड़ी की जांच के लिए कमेटी सीवर लाइन की वीडियो और फोटो तैयार करेगी। इसी के आधार पर जांच रिपोर्ट तैयार होगी। जो सामग्री सीवर लाइन में इस्तेमाल की गई है उसके सैंपल लिए जाएगें। जांच रिपोर्ट पूरी होने तक ठेकेदार द्वारा कोई काम नहीं किया जाएगा। ---बाक्स---
क्या हैं सीवर लाइन बिछाने के मापदंड
कोहंड गांव में टाईप-2 के अनुसार सीवर लाइन बिछाई जानी है। टाइप-2 के मापदंडों के मुताबिक, सीवर पाईपों के नीचे कंक्रीट का तीन इंच मोटाई का बेड बनाना होता है। बेड बनाने के लिए सीमेंट, रेत व बजरी के मिश्रण का अनुपात 1:4:8 निर्धारित किया गया है। वहीं मेनहोल बनाने के लिए की गई खुदाई में सीवर लाईन के नीचे कंक्रीट बेड नहीं मिला है। आरोप है कि सामग्री के प्रयोग और मात्रा में गड़बड़ी के जरिये मोटी धांधली की गई है।
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क्या कहते ग्रामीण
ग्रामीण सेठपाल, सत्यवान, प्रेम, संजय, रामप्रसाद व अन्य का कहना है कि गांव में महाग्राम योजना पर छह करोड़ से अधिक की राशि खर्च होगी और कई किलोमीटर सीवर लाईन डाली गई है। ऐसे में कंक्रीट बेड बनाने में की गई हेराफेरी से सरकार को मोटा चूना लगाया गया है। जन स्वास्थ्य विभाग के एक्सईएन विकास बालियान ने बताया कि विभाग के दो एसडीओ व तीन जेई कोहंड में हुए कार्यों की जांच के लिए नियुक्त किए हैं। जांच कमेटी महाग्राम के तहत हुए कार्यों की वीडियोग्राफी व सैम्पलिग करेगी। रिपोर्ट आने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।