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स्थायी डेयरी सुधार सुनिश्चित करने के लिए पशु मूल्यांकन पर मंथन

आइसीएआर राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान करनाल में पशु आनुवंशिकी और प्रजनन केंद्र में उन्नत संकाय प्रशिक्षण केंद्र के तत्वावधान में सतत उत्पादन के लिए डेयरी जानवरों के फेनोमिक्स और जीनोमिक मूल्यांकन पर 35वां राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का बुधवार को समापन हो गया।

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 09:56 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 09:56 AM (IST)
स्थायी डेयरी सुधार सुनिश्चित करने के लिए पशु मूल्यांकन पर मंथन
स्थायी डेयरी सुधार सुनिश्चित करने के लिए पशु मूल्यांकन पर मंथन

जागरण संवाददाता, करनाल

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आइसीएआर, राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान, करनाल में पशु आनुवंशिकी और प्रजनन केंद्र में उन्नत संकाय प्रशिक्षण केंद्र के तत्वावधान में सतत उत्पादन के लिए डेयरी जानवरों के फेनोमिक्स और जीनोमिक मूल्यांकन पर 35वां राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का बुधवार को समापन हो गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य भारत में स्थायी डेयरी सुधार सुनिश्चित करने के लिए पशु मूल्यांकन व प्रजनन के लिए बिग-डेटा विश्लेषण में नवाचार और वैज्ञानिक विशेषज्ञता का उपयोग करना है।

समापन समारोह में नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर के डीन फैकल्टी प्रो. एसएनएस परमार मुख्य अतिथि रहे। उन्होंने जीनोमिक्स द फ्यूचर ऑफ़ एनिमल ब्रीडिग विषय पर लेक्चर भी दिया। उन्होंने बताया कि जीनोमिक इवैल्यूएशन की मदद से बढ़ती मानव जनसंख्या के लिए पौष्टिक भोजन, पशु कृषि की स्थिरता में सुधार, पशु स्वास्थ्य में वृद्धि और पशु कल्याण और उपभोक्ता जरूरतों और विकल्पों को पूरा किया जा सकता है।

संस्थान के निदेशक डा. आरआरबी सिंह ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में सभी नवीनतम तकनीकों जो वर्तमान में सस्टेनेबल प्रोडक्शन के लिए डेयरी एनिमल के फिनोमिक्स और जीनोमिक इवैल्यूएशन में उपयोग में आने वाली तकनीकों की बुनियादी अवधारणाओं और कार्यप्रणाली को कवर किया गया हैं उन्होंने कहा कि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम संगठित एनिमल हेर्ड में उन्नत जीनोमिक तकनीकों के अनुप्रयोग, उनकी आर्थिक व्यवहार्यता, मानकीकरण के लिए आवश्यक समय के साथ-साथ हमारे देश में पशुधन के आनुवंशिक सुधार के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे पर भी केंद्रित था।

पाठ्यक्रम निदेशक व प्रधान वैज्ञानिक विकास वोहरा ने बताया कि दो जनवरी से शुरू हुए इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 38 वैज्ञानिक और फेनोमिक्स और जीनोमिक्स के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के साथ चार अतिथि वक्ताओं द्वारा कुल 42 व्याख्यान दिए। राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, कर्नाटक और नागालैंड के प्रतिभागियों ने भाग लिया।


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