दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर इन लोकेशन पर लगे हैं सीसीटीवी, नियम तोड़ा तो घर पहुंच जाएगा चालान
दिल्ली-चंडीगढ़ हाईवे पर कई लोकेशन में सीसीटीवी लगाए गए हैं। ट्रैफिक नियमों का पालन न करने वालों पर अब हाई डेफिनेशन कैमरों से नजर रखी जाएगी। ऐसे में अब हाईवे पर संभल कर वाहन चलाएं। नियम तोड़ने पर चालान आपके घर पहुंच जाएगा।
करनाल, [सेवा सिंह]। दिल्ली-चंडीगढ़ नेशनल हाईवे पर ओवरलोड व तय सीमा से ज्यादा गति से सरपट दौड़ाए जा रहे वाहनों पर करीब डेढ़ माह बाद ब्रेक लगेगा तो वहीं हादसों पर भी अंकुश लग सकेगा। किसी भी हादसे व वारदात को अंजाम देने के बाद वाहन में सवार होकर हाईवे से फरार हो जाने वाले अपराधी भी बच नहीं सकेंगे। ऐसे वाहन हाई डेफिनेशन सीसीटीवी कैमरे की जद में रहेंगे और उन्हें तत्काल शिंकजे में लिया जा सकेगा।
यातायात एवं हाईवे विभाग के पायलट प्रोजेक्ट के तहत हाईवे पर करीब 15 करोड़ रुपये की लागत से सोनीपत बार्डर से अंबाला तक 20 जगह 200 सीसीटीवी कैमरे आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर्स व स्पीड रडार के साथ लगाए जा रहे हैं, जिनका काम अंतिम चरण में हैं। अभी तक 14 लोकेशन पर कैमरे लगाए जा चुके हैं जबकि अन्य कैमरे फरवरी तक लगा दिए जाएंगे। मार्च के पहले सप्ताह में सभी कैमरे एक्टिवेट कर दिए जाएंगे। इसके लिए तैयारियां जारी हैं।
20 लोकेशन पर लगे हाई डेफिनेशन कैमरे
बता दें कि सोनीपत बार्डर से अंबाला तक 20 लोकेशन पर लग रहे हाई डेफिनेशन कैमरे धुंध व रात के समय भी साफ तस्वीर देंगे। सर्वाधिक छह कैमरे करनाल और अंबाला व पानीपत में तीन-तीन लोकेशन पर लगेंगे। नेशनल हाईवे पर निर्माणाधीन यातायात एवं हाईवे विभाग के प्रदेश कार्यालय में कंट्रोल पैनल लगेगा। जिला स्तर पर पुलिस के सीसीटीवी कैमरे कंट्रोल पैनल से इन्हें जोड़ा जा सकता है। अधिकारियों की मानें तो इस प्रोजेक्ट का मकसद ओवर स्पीड के साथ ओवरलोडिंग, हादसे व वारदातों पर अंकुश लगाना है। करीब छह वर्ष पहले तत्कालीन डीआइजी ट्रैफिक पुलिस शिवास कविराज ने माना था कि ओवरस्पीड वाहनों से धुंध व सर्दी में हादसे बढ़ते हैं। उन्होंने नेशनल हाईवे पर दिल्ली से अंबाला तक सर्वे कराकर प्रस्ताव सरकार को भेजा। करीब एक साल पहले इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो पाया था
दूसरे हाईवे पर भी चलेगा प्रोजेक्ट
अधिकारियों का कहना है कि सोनीपत बार्डर से लेकर अंबाला तक 20 जगह ये कैमरे लगने हैं, जो ओवरस्पीड, नंबर प्लेट रीडिंग व डे-नाइट विजन से लैस होंगे। इनमें रीडिंग क्षमता होगी। एक लोकेशन पर करीब 10 कैमरे लगेंगे। मार्च माह में ही यह प्रोजेक्ट पूरा हो जाएगा और अगले दो माह में ही इसका परिणाम देखने के बाद दूसरे नेशनल व स्टेट हाईवे पर भी यह प्रोजेक्ट लागू किया जा सकता है।
पिछले साल भी गई 4273 लोगों की जान
प्रदेश भर में हाईवे पर पिछले साल भी नवंबर माह तक हुए 9007 हादसों में 4273 लोगों की जान गई तो सात हजार से अधिक घायल हुए थे। इससे पिछले साल 8413 हादसे हुए थे, जिनमें 4015 लोगों की मौत हुई थी तो 6774 लोग घायल हुए थे। यहीं नहीं 2018 में नेशनल हाईवे पर 3876 हादसे हुए। इनमें 1880 व स्टेट हाईवे पर 3226 हादसों में 1486 लोगों की जान गई थी। इससे अगले साल 2019 में जून तक प्रदेश में 5491 हादसे हुए, जिनमें 2532 लोगों की जान गई। हादसों में सबसे प्रमुख कारण ओवर स्पीड ही सामने आया है।
फरवरी में पूरा होगा कैमरे लगाने का काम : आइजी
आइजी यातायात एवं हाईवे डा राजश्री का कहना है कि पायलट प्रोजेक्ट के तहत सोनीपत बार्डर से अंबाला तक एचडी सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम फरवरी माह में पूरा हो जाएगा। इसके बाद इनका ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा और अगले दो माह तक एक रिपोर्ट तैयार की जाएगी, जिसमें इनके फायदे का निष्कर्ष निकाला जाएगा। उम्मीद है ओवर स्पीड व ओवरलोडिंग पर अंकुश लगेगा तो अपराध कर फरार होने वाले अपराधियों तक भी पुलिस की पहुंच आसान होगी।