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जेल में हवालाती की मौत, स्वजनों ने शव लेने से किया इन्कार

फोटो---44 नंबर है। 0 परिजनों का आरोप कि पहले पुलिस ने गलत तरीके से मृतक कुलविदर को फंसाया फिर जेल प्रशासन ने बरती इलाज में लापरवाही 0 पुलिस व जेल प्रशासन के आश्वासन के बाद शव ले गए परिजन जागरण संवाददाता करनाल जिला जेल में बंद 50 वषीय हवालाती कुलविदर सिंह की मौत हो गई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2020 08:40 AM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2020 08:40 AM (IST)
जेल में हवालाती की मौत, स्वजनों ने शव लेने से किया इन्कार
जेल में हवालाती की मौत, स्वजनों ने शव लेने से किया इन्कार

जागरण संवाददाता, करनाल : जिला जेल में बंद 50 वर्षीय हवालाती कुलविदर सिंह की मौत हो गई। वह कई दिन से बीमार था और तबियत ज्यादा खराब होने से रविवार को उसे कल्पना चावला मेडिकल अस्पताल में दाखिल करवाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कुलविदर की मौत की सूचना मिलते ही स्वजन अस्पताल पहुंचे और पुलिस व जेल प्रशासन पर आरोप लगाते हुए शव लेने से इन्कार कर दिया। पुलिस ने स्वजनों को मनाने की कोशिश भी की लेकिन उनका एक ही जवाब था कि इस मामले की उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए। मांग पूरी नहीं होने तक वे शव लेकर नहीं जाएंगे। शाम के समय पुलिस व जेल प्रशासन ने इस मामले में उचित कार्रवाई करने का आश्वासन दिया, तब कहीं जाकर स्वजन शव ले जाने को राजी हुए। शिव कालोनी निवासी कुलविदर सिंह को पुलिस ने 18 जून को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे जेल भेज दिया। जेल में जाने के बाद वह बीमार हो गया और उसे जेल के अस्पताल में ही दाखिल करवाकर इलाज करवाया जा रहा था। जेल प्रशासन के मुताबिक वह नशे का आदी था और जेल में आने के बाद नशा नहीं मिलने से उसकी तबियत खराब हो गई। रविवार को ज्यादा तबियत खराब होने पर उसे कल्पना चावला राजकीय मेडिकल अस्पताल में दाखिल करवाया, जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कुलविदर सिंह के भाई गुरमीत सिंह ढिल्लो का आरोप है कि पुलिस ने उसके भाई को झूठे केस में फंसाकर जेल भिजवा दिया। उसका भाई थोड़ा बहुत नशा कर लेता था और उसकी तबियत भी खराब थी। तब उन्हें आश्वासन दिया गया था कि जेल में उसका इलाज करवाया गया जाएगा। जेल प्रशासन की लापरवाही की वजह से ही उसके भाई की मौत हुई है। उसके ज्यादा बीमार होने की सूचना भी उन्हें नहीं दी गई थी। जेल उपाधीक्षक संजय बांगड़ा ने स्वजनों को आश्वासन दिया कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी। उनके आश्वासन के बाद आखिरकार स्वजन शव ले जाने को राजी हो गए।

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