जिले के 434 में 424 गांव की जमाबंदियों का डाटा वेब हैलरिस में दर्ज
हरियाणा में भूमि रिकॉर्ड के अद्यतन के लिए राजस्व विभाग की वेबसाइट हैलरिस को प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड जिसमें पंजीकरण, इंतकाल और जमाबंदी को ऑनलाइन कर आम आदमी की मदद के लिए विकसित किया गया है। जमाबंदी के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने में सबसे पहला प्रयोग वर्ष 2016 में इंद्री तहसील से शुरू हुआ था।
जागरण संवाददाता, करनाल : हरियाणा में भूमि रिकॉर्ड के अद्यतन के लिए राजस्व विभाग की वेबसाइट हैलरिस को प्रदेश के भूमि रिकॉर्ड जिसमें पंजीकरण, इंतकाल और जमाबंदी को ऑनलाइन कर आम आदमी की मदद के लिए विकसित किया गया है। जमाबंदी के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने में सबसे पहला प्रयोग वर्ष 2016 में इंद्री तहसील से शुरू हुआ था।
डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने बताया कि जिले के 434 गांव में से 424 गांव की जमाबंदियों का डाटा वेब हैलरिस में दर्ज है। एक गांव की जमाबंदी की प्रक्रिया प्रेषण में है, जबकि नौ गांवों की जमाबंदी अंडर कंसोलीडेशन यानी चकबंदी के अधीन है।
इधर जिला राजस्व अधिकारी राजबीर धीमान के अनुसार इंद्री करनाल तहसील की जमाबंदी का रिकॉर्ड वेबपोर्टल पर ऑनलाइन है। जबकि छह अन्य तहसीलों और उप तहसील घरौंडा, असंध, नीलोखेड़ी, निगदू, बल्ला और नि¨सग की जमाबंदी का डाटा को अपलोड करने का काम जल्द ही किया जाएगा। उन्होंने बताया कि चंडीगढ़ में स्थित स्टेट डाटा सेंटर की वेब हैलरिस में दर्ज रिकॉर्ड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यदि कोई व्यक्ति जमीन के रिकॉर्ड से छेड़छाड़ करना चाहे, तो वह संभव नहीं होगा। हर पांच साल में जमाबंदी नई बनती है, लेकिन हर साल 20 प्रतिशत नई जमाबंदियां ड्यू हो जाती है। सरल केंद्र में तीन काउंटर रजिस्ट्री के लिए रिजर्व
लघु सचिवालय स्थित तहसील कार्यालय में सरल केंद्र में नागरिकों को बेहतर सुविधाओं के लिए सात काउंटर स्थापित किए गए हैं, जिनमें तीन रजिस्ट्रेशन यानी रजिस्ट्री के लिए, एक जमाबंदी की नकल लेने, एक इंतकाल, एक आडरहन (जिन जमीनों पर लोन लिया हो) और एक सीएम ¨वडो या हेल्प डेस्क बनाया गया है। हर कार्य दिवस में यहां करीब 70 व्यक्ति अपनी रजिस्ट्री, नकल, इंतकाल, इंद्राज आदि के लिए आते हैं। अब सुविधा यह भी है कि किसी व्यक्ति की रजिस्ट्री गुम हो जाए, तो उसका नंबर व डेट बताकर उसे ऑनलाइन निकलवाया भी जा सकता है।