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स्किट स्पर्धा में हिसार प्रथम, अंबाला द्वितीय व पानीपत तृतीय

राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित राज्यस्तरीय सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन प्रतिभागी कलाकारों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने कला के जरिये समां बांध दिया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 29 Nov 2019 09:16 AM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 09:16 AM (IST)
स्किट स्पर्धा में हिसार प्रथम, अंबाला द्वितीय व पानीपत तृतीय
स्किट स्पर्धा में हिसार प्रथम, अंबाला द्वितीय व पानीपत तृतीय

संवाद सूत्र, नीलोखेड़ी : राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में आयोजित राज्यस्तरीय सांस्कृतिक महोत्सव के दूसरे दिन प्रतिभागी कलाकारों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया और अपने कला के जरिये समां बांध दिया। शुभारंभ समग्र शिक्षा अभियान की जिला परियोजना संयोजक सपना जैन ने किया। मंच पर कलाकारों ने हरियाणवी कला का रंग बिखेर दिया और बेटियों के संरक्षण का संदेश दिया। सपना जैन ने कहा कि कल्चरल फेस्ट में लड़कों से कहीं ज्यादा लड़कियां हिस्सा ले रही हैं। समाज में लड़कियों के प्रति परंपरागत सोच को सांस्कृतिक कार्यक्रम तोड़ रहे हैं। रेडक्रास करनाल के जिला प्रशिक्षण अधिकारी एमसी धीमान की अगुवाई में स्वयंसेवियों द्वारा स्टाल लगाकर जानकारी दी गई।

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समूहगान में कैथल की टीम को मिला पहला स्थान

नौवीं से बारहवीं कक्षा की स्किट स्पर्धा में हिसार की टीम ने पहला, अंबाला ने दूसरा और पानीपत की टीम ने तीसरा स्थान हासिल किया। करनाल की टीम को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया है। सांझी प्रतियोगिता में सोनीपत की टीम प्रथम, चरखी दादरी को द्वितीय, रेवाडी तृतीय और जींद को सांत्वना पुरस्कार मिला। एकल नृत्य में सोनीपत ने पहला, कैथल ने दूसरा, भिवानी ने तीसरा और रेवाडी को सांत्वना पुरस्कार मिला। समूह नृत्य में सोनीपत को पहला, रेवाडी को दूसरा, गुरुग्राम को तीसरा और कैथल को सांत्वना पुरस्कार के लिए चुना गया। समूहगान में कैथल को पहला, रेवाडी दूसरा, गुरुग्राम को तीसरा और करनाल को सांत्वना पुरस्कार मिला। रागिनी में कैथल ने पहला, फतेहाबाद दूसरा, रेवाड़ी तीसरा और सोनीपत ने सांत्वना पुरस्कार पाया।

कला जीवन साधने का जरिया

फेस्ट के नोडल अधिकारी एवं खंड शिक्षा अधिकारी धर्मपाल चौधरी ने कहा कि कला जीवन को साधने और सुंदर बनाने का जरिया है। प्रकृति जन्म से ही मनुष्य को कला प्रेमी बनाती है, लेकिन सामाजिक दायरों में फंस कर मनुष्य कला से दूर होता जाता है। सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रतिभागियों का उत्साह देखते ही बनता है। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी राजपाल चौधरी ने कहा कि एक स्वस्थ माहौल में सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किसी उपलब्धि से कम नहीं है। इस मौके पर उप जिला शिक्षा अधिकारी विद्योत्मा, खंड शिक्षा अधिकारी चंदेश विज, महावीर सिंह, प्रिसिपल महेंद्र सिंह नरवाल, श्याम लाल, विवेक सिंह, वीना, उप-जिला शिक्षा अधिकारी परमजीत चहल, संजीव कुमार, उमा रेडू, दलबीर, धर्मबीर, अर्चना, दीक्षा, प्रवीन, वीरभान शर्मा, शरणपाल, राकेश राणा, सत्यपाल, महिन्द्र खेड़ा, अरुण कुमार कैहरबा, मान सिंह, सियाराम शास्त्री, अनिल सैनी, कुलदीप, रामनिवास सोलंकी, सुरेश फौजी, कप्तान सिंह, मुकेश कुमार मौजूद रहे।


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