योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए निगम आयुक्त सख्त
नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की।
जागरण संवाददाता, करनाल : नगर निगम आयुक्त निशांत कुमार यादव ने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा की। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन और प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को कहा कि जरूरतमंदों को सरकार की योजनाओं का समय पर लाभ मिलना चाहिए, इसमें अनावश्यक देरी व सुस्ती से काम करना बर्दाश्त नहीं होगा। आयुक्त ने निर्देश दिए कि अब इन स्कीमों की समीक्षा हर महीने होगी और अधिकारियों को प्रगति दिखानी होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना की समीक्षा के दौरान नगरीय परियोजना अधिकारी प्रवीन चुघ ने बताया कि इस योजना के तहत करनाल शहरी क्षेत्र से 1896 आवेदन प्राप्त हुए हैं और 169 केस स्वीकृत हो गए हैं। इस मौके पर टीएफआई गोपाल बक्शी, एमआईएस गौरव कंसल, संजय शर्मा, रावत शर्मा, ज्योति, रेखा, रंजू, सुदेश, गौरव, अंजू बाला, दिपाशी मौजूद थे। कौशल प्रशिक्षण के तहत आत्मनिर्भर किया जा रहा
राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत एकल व सामूहिक रूप से रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बैंकों के माध्यम से ऋण स्वीकृत करवाया जाता है। चुघ ने बताया कि चालू वित्त वर्ष में अब तक एकल ऋण के तहत 159 के लक्ष्य के फलस्वरूप 135 व्यक्तियों के मामले विभिन्न बैंको में भेजे गए हैं और 31 व्यक्तियों के ऋण स्वीकृत हो चुके हैं। कौशल प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के माध्यम से रोजगार उपलब्ध करवाने संबंधी चुघ ने बताया कि 400 बच्चों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, जिनमें से 125 बच्चों को डाटा एंट्री ऑप्रेटर का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। दूसरी और 50 छात्राओं को बैड साईड असिस्टेंट (एक तरह से नर्सिंग कोर्स) का प्रशिक्षण दिया गया है।
रेडक्रास भवन में 50 लोगों के लिए रेन बसेरा
बेघर/बेसहारा व्यक्तियों के लिए सर्दी से बचाव को लेकर नगर निगम की ओर से शहर की भिन्न-भिन्न लोकेशन पर रैन बसेरा बनाए गए हैं, जो स्थाई व पोटा केबिन के रूप में हैं। निगम आयुक्त के अनुसार शहर के रैड क्रॉस भवन के परिसर में 50 व्यक्तियों की क्षमता का तथा करनाल-कैथल फ्लाईओवर के नीचे 80 व्यक्तियों की क्षमता के यानि 2 जगहों पर स्थाई रैन बसेरे स्थापित हैं। फ्लाईओवर के नीचे के रैन बसेरा में 4 बड़े हाल बनाए गए हैं। इसके अतिरिक्त इसमें किचन, महिला व पुरूषों के अलग-अलग शौचालय, दिव्यांगों के रैम्प व अलग से शौचालय बनाए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि पोटा केबिन के नाम से अस्थाई रैन बसेरे कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज, ओल्ड बस स्टैंड के पीछे, पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाऊस के पास पुल के नीचे व करनाल-कैथल फ्लाईओवर के नीचे रखे गए हैं। बेघर जरूरतमंद इनमें रूककर अपनी रात गुजार सकता है।