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करनाल-यमुनानगर रेलवे लाइन निर्माण का रास्ता साफ, रेल मंत्रालय को सौंपी डीपीआर

जिले के लोगों के लिए अच्छी खबर है। हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने करनाल-यमुनानगर 61 किलोमीटर नई रेल लाइन के निर्माण के लिए रास्ता साफ कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 09:27 AM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 09:27 AM (IST)
करनाल-यमुनानगर रेलवे लाइन निर्माण का रास्ता साफ, रेल मंत्रालय को सौंपी डीपीआर
करनाल-यमुनानगर रेलवे लाइन निर्माण का रास्ता साफ, रेल मंत्रालय को सौंपी डीपीआर

जागरण संवाददाता, करनाल : जिले के लोगों के लिए अच्छी खबर है। हरियाणा रेल इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड ने करनाल-यमुनानगर 61 किलोमीटर नई रेल लाइन के निर्माण के लिए रास्ता साफ कर दिया है। रेल मंत्रालय और हरियाणा सरकार ने इन दोनों रेल लाइन परियोजनाओं के विस्तृत सर्वेक्षण का कार्य और विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) पूरी कर ली है। इस नई रेल लाइन के निर्माण से लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी होगी। राज्य सरकार की मंजूरी के बाद इन परियोजना की डीपीआर रेल मंत्रालय को सौंप दी गई है। इस परियोजना की लागत राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के बीच सांझा की जाएगी। इस रेलवे लाइन पर करीब 1173 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी।

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नई रेलवे लाइन पर होंगे पांच नए स्टेशन

प्रस्तावित करनाल-यमुनानगर नई लाइन दिल्ली-अंबाला रेलवे लाइन पर स्थित भैणी-खुर्द स्टेशन और अंबाला-सहारनपुर रेलवे लाइन पर स्थित जगाधरी वर्कशॉप स्टेशन से जुड़ जाएगी। इस लाइन पर 5 नए रेलवे स्टेशन रंभा, इंद्री, लाडवा, रादौर और दामला होंगे। इस लाइन के निर्माण से करनाल और यमुनानगर के इन दो औद्योगिक शहरों के बीच सीधी और तेज कनेक्टिविटी होगी। इससे यात्रा की दूरी भी 50 किलोमीटर कम हो जाएगी। इसके अलावा, यह हरिद्वार से भी सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगा जो इस क्षेत्र की लंबे समय से लंबित मांग थी। प्रस्तावित रेल लाइन से औद्योगिक और कृषि के क्षेत्र में आर्थिक विकास में मदद मिलेगी।

लंबे समय से संघर्ष करते आ रहे लोग

करनाल के लोग इस नई रेलवे लाइन परियोजना को सिरे चढ़ाने के लिए लंबे समय से संघर्ष करते आ रहे हैं। इस मामले को लेकर कई बार सांसद के माध्यम से अपनी आवाज को संसद तक पहुंचाने का प्रयास किया। रेल मंत्री रहे सुरेश प्रभु करनाल आए थे तो उनको भी इस मांग के बारे में अवगत कराया गया था। इसके बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल को भी करनाल की इस महत्वपूर्ण मांग के बारे में पत्र के माध्यम से ध्यान दिलाया जा चुका था।


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