गोल्ड मेडल विजेता अनीश बोले- यह पहला कदम, असली मंजिल तो ओलंपिक
कॉमनवेल्थ गेम्स में गोलड मेडल जीतने वाले अनीश भनवाल का कहना है कि उनकी असली मंजिल ओलंपिक है। कॉमनवेल्थ में स्वर्ण पदक जीतना इस दिशा में पहला कदम है।
करनाल, [मनोज राणा]। आस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीेतने वाले निशानेबाज अनीश भनवाला का कहना है कि उनका असली लक्ष्य आलंपिक में पदक जीतना है। कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीतना तो मंजिल की ओर पहला कदम है। इस तरह के कई कदम से ओलंपिक के लिए आधार तैयार होगा। उनका असली लक्ष्य 2020 का ओलंपिक है।
अनीश का यहां पहुंचने पर शानदार स्वागत किया गया। अनीश अास्ट्रेलिया से लौटने के बाद अपनी 10वीं परीक्षा के बाकि पेपर दे रहे हैं। इसके लिए उन्हें सीबीएससी से विशेष अनुमति मिली थी। घर पहुंचने पर पिता जगपाल और माता पूनम भावुक हो गए। मां ने बेटे को गले से लगा लिया। माता-पिता ने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनका बेटा ओलंपिक में भी देश का नाम रोशन करेगा।
तिरंगा लहराता देख बढ़ गया जोश और विश्वास
करनाल सेक्टर 6 में अपने घर पहुंचे अनीश ने जागरण से खास बातचीत में कॉमनवेल्थ गेम्स के आखिरी मुकाबले का अनुभव भी साझा किया। अनीश ने बताया कि फाइनल में मुकाबला आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के साथ था। पराये देश में अपने लोग गिने चुने थे। 90 फीसद दर्शकों का रुझान प्रतिद्वंद्वी खिलाड़ी के साथ था और उसी के पक्ष में नारे भी लग रहे थे। पूरा माहौल एकदम विपरीत था।
घर पहुंचकर बहन से मिलता अनीश।
अनीश ने कहा, इस घड़ी में उसकी नजर आस्ट्रेलियाई दर्शकों से घिरे स्टेडियम में काफी दूर पीछे लहरा रहे तिरंगे पर पड़ी। अपने देश का झंडा देख उसका जोश बढ़ गया। अब हाथ में पिस्टल और नजर टारगेट पर थी। मन में विचार आया कि ऐसा मौका फिर नहीं मिलेगा। इसलिए सब कुछ भुलाकर केवल तकनीक पर ध्यान दिया।
अनीश ने कहा, 25 मीटर रेपिड फायर पिस्टल के नियम के अनुसार चार सेकेंड में एक के बाद एक पांच फायर दागने होते हैं। पांचों निशाने पर लगे। स्कोर 25 से बढ़कर 30 हो गया। आस्ट्रेलियाई खिलाड़ी चार अंक लेकर 28 पर ही रहा। कुछ देर पहले शोर मचा रहे आस्ट्रेलिया दर्शकों ने चुप्पी साध ली। वहीं पीछे खड़े कुछ भारतीय दर्शक खुशी से झूम रहे थे। मुड़कर देखा तो तिरंगा और शान से लहरा रहा था।
तीन दिन करनाल फिर कोरिया में परीक्षा
अनीश आज से लगातार तीन दिन 10वीं की परीक्षा देगा। सोमवार को उन्होंने हिंदी का पेपर दिया। मंगलवार को सोशल साइंस और बुधवार को गणित का पेपर है। अंग्रेजी व साइंस का एग्जाम व अपने साथियों के साथ पहले ही दे चुका है। इसके बाद 21 अप्रैल को वह शूटिंग वर्ल्ड कप के लिए कोरिया रवाना हो जाएगा।
मामा जी! अब शेल्यूट की तैयारी कर लो...
एएसआइ मामा जोगिंद्र ने बताया कि कोच हरप्रीत गोल्डी जब डीएसपी बने थे तो अनीश ने मजाक में कहा था कि मामा जी! अब आप भी शेल्यूट की तैयारी कर लो। भविष्य में वह डीएसपी बनेगा तो उसे भी सेल्यूट करना पड़ेगा। मामा ने बताया कि वह चाहता था कि उसका भानजा मॉडलिंग में नाम कमाए।
मां की आंखों से छलके खुशी के आंसू
अनीश आस्ट्रेलिया से सुबह दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरा। इसके बाद कार से माता-पिता के साथ अपने घर करनाल आया। गोल्ड मेडलिस्ट बेटे को शहर के लोगों ने पलकों पर बैठाया। ढोल के साथ उसे सेक्टर-6 तक लेकर आए। जैसे ही बेटे के साथ मां पूनम ने घर में कदम रखा तो उसकी आंखों से आंसू छलक आए। चुप करने आई महिला की आंखें भी भर आई। लेकिन यह आंसू खुशी के थे।