बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की जानकारी दी
शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय आनलाइन व्याख्यान सम्पन्न हुआ। इसमें महिलाओं के लिए कानूनी साक्षरता विषय पर चर्चा की गई।
संवाद सहयोगी, इंद्री : शहीद उधम सिंह राजकीय महाविद्यालय के महिला प्रकोष्ठ के तत्वावधान में आयोजित चार दिवसीय आनलाइन व्याख्यान सम्पन्न हुआ। इसमें महिलाओं के लिए कानूनी साक्षरता विषय पर चर्चा की गई।
समापन दिवस पर दो व्याख्यान आयोजित किए गए, जिसमें वक्ता के तौर पर निर्मला तथा प्रोफेसर बबीता पब्बी ने शिरकत की। व्याख्यान समापन दिवस पर महाविद्यालय की वरिष्ठ प्रोफेसर बलजिद्र सैनी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने भाषण के सफल आयोजन के लिए महिला प्रकोष्ठ प्रभारी डा. मीनाक्षी तथा सभी सदस्यों को साधुवाद दिया। प्रोफेसर रणबीर सिंह ने वक्ताओं, प्राध्यापकों तथा विद्यार्थियों का स्वागत किया। निर्मला ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम की कानूनी बारीकियों को बड़े सरल शब्दों में समझाया।
उन्होंने अधिनियम की ऐतिहासिक व्याख्या के साथ-साथ आधुनिक जीवन के संदर्भ में भी इस कानून को स्पष्ट किया। उन्होंने बाल विवाह का लड़के, लड़की तथा उनके परिवार पर पड़ने वाले दूरगामी दुष्प्रभावों से भी अवगत करवाया। प्रोफेसर बबीता पब्बी ने दहेज निषेध अधिनियम के बारे में अपने विचार रखे। उन्होंने दहेज प्रथा को एक सामाजिक बुराई कहा। उन्होंने इस अधिनियम के कानूनी बिदुओं पर विस्तार से जानकारी दी। आनलाइन व्याख्यान की प्रगति रिपोर्ट महिला प्रकोष्ठ की संयोजिका डा. मीनाक्षी ने रखी। उन्होंने व्याख्यान को सफल बनाने के लिए महिला प्रकोष्ठ के सभी सदस्यों, महाविद्यालय प्राचार्य डा. सतीश कुमार भारद्वाज तथा अन्य महाविद्यालय स्टाफ सदस्यों का धन्यवाद भी किया। मंच संचालन मनोविज्ञान विभाग की प्रभारी सहायक प्रोफेसर सोनिया ने किया। महिला प्रकोष्ठ के सभी सदस्यों ने इस श्रृंखला को सफल बनाने के लिए योगदान दिया। व्याख्यान के चारों दिन तकनीकी सहयोग कंप्यूटर विभाग के सहायक प्रोफेसर नरेश का रहा।