अक्षय तृतीया पर फिर फीका रहा व्यापार, व्यापारियों को नहीं मलाल
लॉकडाउन के चलते अक्षय तृतीया का त्योहार बाजार में लगातार दूसरे साल पूरी तरह फीका रहा। सराफा बाजार बंद होने से करोड़ों रुपये का व्यापार नहीं हो सका।
जागरण संवाददाता, करनाल:
लॉकडाउन के चलते अक्षय तृतीया का त्योहार बाजार में लगातार दूसरे साल पूरी तरह फीका रहा। सराफा बाजार बंद होने से करोड़ों रुपये का व्यापार नहीं हो सका। लेकिन व्यापारी इस अपना नजरिया यह भी रखते हैं कि कोरोना से जनमानस की सुरक्षा के आगे यह नुकसान कुछ भी नहीं है। कोरोना समाप्त होने के बाद भी त्योहार आएंगे और सभी पूरी उमंग से पर्व त्योहार मनाएं, इसके लिए जरूरी है कि कोरोना से बचाव के नियमों का पालन पूरी ईमानदारी से किया जाए। कमोबेश यही स्थिति ऑटोमोबाइल कारोबार और अन्य क्षेत्रों में रही।
शुक्रवार को अक्षय तृतीया का त्योहार लोगों ने अपने अपने घरों में ही मनाया। मोबाइल फोन के माध्यम से एक दूसरे को इस पर्व की बधाई दी। हालांकि सराफा व्यापारियों के लिए लगातार दूसरे साल यह पर्व फीका रहा। पिछले साल भी लॉकडाउन की वजह से बाजार बंद थे और इस साल भी यही हुआ। चूंकि इस दौरान सोने के जेवरात की खरीददारी की परंपरा है, लिहाजा अच्छे मुनाफे को लेकर सराफा कारोबारियों में भी हर साल अलग उत्साह रहता है लेकिन इस बार तस्वीर पूरी तरह बदली हुई रही है। इस त्यौहार से संबंधित किसी भी प्रकार की बिक्री नहीं हो सकी। ओपीएस ज्वेलर्स नेहरू पैलेस के संचालक कैलाश चंद गुप्ता का कहना है कि निश्चित रूप से दीपावली के बाद अक्षय तृतीया एक बड़ा महत्वपूर्ण अवसर है, जब सराफा कारोबारियों को अच्छे मुनाफे की आस रहती थी वहीं ग्राहक भी भारतीय परंपरा के अनुरूप इस दिन शगुन के रूप में सोने के जेवरात अवश्य खरीदते हैं। लेकिन यह समय अपनों को सुरक्षित रखने का है। इस समय इंसानियत के बारे में सोचना ज्यादा जरूरी है। यह त्यौहार आगे भी आएंगे और व्यापार भी होगा। लेकिन समय की स्थितियों को देखते हुए यह जरूरी है कि सभी अपने अपने घरों में सुरक्षित रहें।