शहीद चंद्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर लगाया रक्तदान शिविर
राष्ट्रपति पुलिस पदक से विभूषित राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता डायमंड रक्तदाता एवं पर्यावरण प्रहरी डा. अशोक कुमार वर्मा द्वारा 324वां स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया।
जागरण संवाददाता, करनाल : कल्पना चावला राजकीय महाविद्यालय के रक्तकोष में राष्ट्रपति पुलिस पदक से विभूषित राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता डायमंड रक्तदाता एवं पर्यावरण प्रहरी डा. अशोक कुमार वर्मा द्वारा 324वां स्वैच्छिक रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। शिविर में भारतीय रेडक्रास सोसायटी सचिव कुलबीर सिंह मलिक मुख्य अतिथि के रूप में पधारे, जबकि कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त सहायक कुलसचिव देविद्र सचदेवा की अध्यक्षता में शिविर हुआ। विश्वकर्मा संघ के पदाधिकारी परमाल सिंह, कृष्ण लाल और मनीष भार्गव विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। मुख्य अतिथि कुलबीर सिंह मलिक ने कहा कि पुलिस उप निरीक्षक डा. अशोक कुमार वर्मा ने 136वीं बार रक्तदान किया है जबकि इसके अतिरिक्त वे 60 बार प्लेटलेट्स भी दे चुके हैं। मूल रूप से करनाल निवासी डा. अशोक कुमार वर्मा पुलिस सेवा के साथ ही समाजसेवा के लिए भी जाने जाते हैं। उन द्वारा आयोजित 324 रक्तदान शिविरों के माध्यम से 42000 से अधिक लोगों को रक्त की आपूर्ति हुई है जिससे उन्हें नवजीवन मिला है। दविदर सचदेवा ने कहा कि शहीद चन्द्रशेखर आजाद के बलिदान दिवस पर आयोजित शिविर थैलीसीमिया ग्रस्त बच्चों, गर्भवती महिलाओं और उपचाराधीन लोगों को समर्पित है।
मनीष भार्गव, सतीश गोंदर, राहुल, साहिल अरोड़ा, नीरज, अमित कुमार, अनिल कुमार, सुनील कुमार, सतीश कुमार, रामबीर सिंह, प्रमोद, माधव शर्मा, रोहित शर्मा व राहुल वर्मा सहित कई ने रक्तदान किया।
बसताड़ा टोल पर किया शहीद चंद्रशेखर आजाद को नमन
संवाद सहयोगी, घरौंडा :
तीन कृषि कानूनों के विरोध में बसताड़ा टोल पर क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे किसानों ने संत गुरु रविदास जयंती व चंद्रशेखर का शहीदी दिवस मनाया। 65वें दिन संत रविदास समाज के लोग क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे। किसान नेताओ ने कहा कि सरकार कृषि कानूनों को तुरंत प्रभाव से रद्द करें और एमएसपी का कानून बनाए, ताकि किसानों को उनका हक मिल सके।
किसानों ने गुरु रविदास के चित्र पर पुष्प अर्पित किए और आशीर्वाद लिया। इसके साथ ही चंद्रशेखर आजाद को नमन किया गया और उनके योगदान को स्मरण किया गया। शनिवार को बनवारी दास, अशोक धाबड़ा, पाला राम, प्रेम सिंह, जोगिद्र सिंह भूख हड़ताल पर बैठे। नेताओं ने कहा कि संत शिरोमणि गुरु रविदास ने जात-पात, ऊंच-नीच और अमीरी-गरीबी में बंटे समाज को समरसता का जो संदेश दिया था, वह आज भी प्रासंगिक है।