अब फेस के फीचर से भी लेस होगा आधार कार्ड
जागरण संवाददाता, करनाल बुजुर्गो और बच्चों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें उंगलियों के मिसमैच या आधार के गुम हो जाने पर होने वाली परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार इसके लिए नई व्यवस्था करने जा रही है।
जागरण संवाददाता, करनाल
बुजुर्गो और बच्चों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें उंगलियों के मिसमैच या आधार के गुम हो जाने पर होने वाली परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। सरकार इसके लिए नई व्यवस्था करने जा रही है। इसमें आधार कार्ड में ¨फगर ¨प्रट और आइ रेटिना के अलावा चेहरे के फीचर भी शामिल किए जा रहे हैं। यानी आधार कार्ड चेहरे से भी बनेगा। इस नई व्यवस्था में आप जब आधार कार्ड बनवाने के लिए केंद्र में पहुंचेगे तो केंद्र संचालक आपकी आंखों के रेटिना और ¨फगर ¨प्रट के अलावा चेहरे के फीचर भी लेगा। इन तीनों की स्के¨नग के बाद ही आधार का पंजीयन हो सकेगा। यूआइडीएआइ ने लांच किया है नया फीचर
यूआइडीएआइ ने फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर लांच किया है। इसमें अब तीन फीचर हो गए हैं। इसे आधार मशीनों में लोड किया जाएगा। एक अक्टूबर से चेहरे से आधार बनाने का काम शुरू होने का अनुमान है। नई व्यवस्था में आधार बनाने की प्रक्रिया में कोई परिवर्तन नहीं होगा। यह होगा फायदा
इससे आधार कार्ड में अब व्यक्ति की पहचान तीन तरीके से हो सकेगी। आंखों का रेटिना, ¨फगर ¨प्रट और चेहरा रहेगा। इससे लोगों को फायदा होगा और यदि आंखों और ¨फगर ¨प्रट से व्यक्ति की पहचान नहीं हो पा रही है तो चेहरे से हो सकेगी। कई बार हादसे किसी की मौत होने पर पहचान नहीं होती। इससे पहचान में आसानी रहेगी। बुजुर्गों की पेंशन में भी दिक्कत नहीं आएगी।
बुजुर्गो और बच्चों के लिए लाभदायक
अभी पांच साल तक के बच्चों का आधार उनके अभिभावक के ¨फगर ¨प्रट से बनता है। न तो उनके ¨फगर ¨प्रट लिए जाते हैं और न ही आंखों का रेटिना। ऐसे में यदि बच्चा कहीं गुम हो जाता है तो पता लगाना मुश्किल होता है। आधार मशीन में बच्चों का अंगूठा लगाने से आधार नहीं खुलता है क्योंकि उसके ¨फगर ¨प्रट के निशान नहीं हैं। इसके अलावा बुजुर्गों का अंगूठा भी मशीन स्केन नहीं कर पाती, इससे सरकारी डिपो से राशन न मिलने की समस्याएं भी उनके सामने आती हैं। वर्जन-
यूआइडीएआइ ने फेस रिकग्निशन सॉफ्टवेयर लांच किया है। इसे आधार मशीनों में भी लोड किया जाएगा। सरकार की गाइडलाइन का इंतजार है। इसके बाद ही नई व्यवस्था के तहत आधार कार्ड बनाए जाएंगे।
-पर¨मद्र ¨सह, सहायक जिला सूचना एवं विज्ञान अधिकारी करनाल।