खुश रहना देश के प्यारों, अब हम तो सफर करते हैं..
मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हुए सेना के हवलदार बलजीत ¨सह का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव ¨डगर माजरा में पहुंचा। शव के गांव में पहुंचते ही भारत माता की जय, शहीद बलजीत ¨सह अमर रहे आदि के नारों से गलियां गूंज उठीं।
संवाद सहयोगी, घरौंडा (करनाल) : मातृभूमि की रक्षा करते हुए शहीद हुए सेना के हवलदार बलजीत ¨सह का पार्थिव शरीर बुधवार को उनके पैतृक गांव ¨डगर माजरा में पहुंचा। शव के गांव में पहुंचते ही भारत माता की जय, शहीद बलजीत ¨सह अमर रहे आदि के नारों से गलियां गूंज उठीं। शहीद बलजीत ¨सह का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार गांव की शिवपुरी में किया गया। उनको तीन वर्षीय पुत्र अर्णव ने मुखाग्नि ने दी। मेजर जनरल केएस निज्जर के नेतृत्व में सेना की टुकड़ी और जिला पुलिस के जवानों ने सशस्त्र सलामी दी। शहीद के पार्थिव शरीर पर घरौंडा के विधायक एवं हैफेड के चेयरमैन हरविन्द्र कल्याण, उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया, पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र भौरिया, घरौंडा के एसडीएम आईएएस मोहम्मद इमरान रजा ने पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
9.35 बजे पहुंचा पार्थिव शरीर
बुधवार सुबह 9.35 बजे तिरंगे में लिपटा शहीद बलजीत ¨सह का पार्थिव शरीर लेकर सेना के जवान ¨डगर माजरा गांव पहुंचे। गांव के सैकड़ों युवा बाइकों के काफिले के साथ सेना की गाड़ियों के आगे-आगे भारत माता की जय-जयकार करते हुए चल रहे थे। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए हजारों ग्रामीणों का तांता लग गया। गांव के श्मशान में शहीद बलजीत ¨सह का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया, तो वहां मौजूद हजारों नम आंखों ने उनको अंतिम विदाई दी। सेना और पुलिस के जवानों ने शहीद को गॉर्ड ऑफ ऑनर दिया।
मुझे मेरे बेटे पर गर्व है
शहीद बलजीत ¨सह के पिता किशनचंद ने कहा कि मेरा बेटा बहुत बहादुर था और उनको अपने बेटे की शहादत पर गर्व है। हमें गर्व है कि ऐसे वीर सपूत ने मेरे घर में जन्म लिया। छुट्टी पर जब बलजीत ¨सह घर आता था, तब उनकी खेती और दूसरे कामकाज में हाथ बंटाता था। जिस तरह से दुश्मनों के साथ बलजीत ने लोहा लिया है और वीरगति को प्राप्त किया है, उससे मेरा सीना चौड़ा हुआ है। विधायक हरविंद्र कल्याण ने कहा कि शहीद बलजीत ¨सह के बलिदान पर गर्व है।
शहीद की विधवा ने कहा, मेरा बेटा भी बनेगा भारत मां का सिपाही
शहीद बलजीत ¨सह की पत्नी अरुणा ने कहा कि उनके पति हमेशा देशसेवा की बात करते थे। उनके लिए हमेशा देश सर्वोपरि रहा। वे अपने पति के नक्शेकदम पर ही अपने बेटे अर्णव को चलाएंगी। उसे भी वे बड़ा होने के बाद भारत मां का सिपाही बनाएगी।
मुख्यमंत्री ने किया ट्वीट
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने हवलदार बलजीत ¨सह की शहादत पर संवेदना प्रकट करते ट्वीट किया। उन्होंने लिखा कि कि मां भारती की सेवा में, कर्तव्य पथ पर अपना जीवन न्योछावर करने वाले करनाल के गांव ¨डगर माजरा के हवलदार बलजीत ¨सह जी को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि। आपके बलिदान को हम कभी नहीं भुला पाएंगे, इस शहादत को मेरा नमन।
सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक दलों ने लिया हिस्सा
शहीद की बलजीत ¨सह की अंतिम यात्रा में कस्बे की सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक दलों के सदस्यों ने हिस्सा लिया और नम आंखों के साथ उनको अंतिम विदाई थी। इस मौके पर पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, पूर्व विधायक रेखा राणा, डीएसपी रामदत, एसएचओ दीपक कुमार, भाजपा किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष सतीश राणा, सरपंच एसोसिएशन के प्रधान अमर ¨सह, सरपंच महेश मलिक, सरपंच शौकीन कुमार, पवन ढाकला, सरपंच महेंद्र ¨सह, सरपंच सुनील कुमार कैमला, सरपंच प्रतिनिधि हरि¨सहपुरा नरेश कुमार, भाविप शाखा अध्यक्ष मो¨हद्र सोनी घरौंडा, बलकार लाठर ने आदि को नमन किया।
लगे पाकिस्तान मुदार्बाद के नारे
शहीद बलजीत के अंतिम संस्कार के दौरान युवाओं में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा उफान पर था। युवाओं ने भारत मां की जय, भारतीय सेना ¨जदाबाद और शहीद बलजीत ¨सह अमर रहे के नारे लगाए तो साथ ही पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे भी लगाए। युवाओं ने कहा कि पाकिस्तान को सबक सिखाने का वक्त आ गया है।