अटल रैं¨कग की नामांकन प्रक्रिया शुरू, बेहतर प्रदर्शन पर मिलेगा सम्मानित
फ्लैग: नई सोच वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन के लिए शुरू की गई योजना, 25 नवंबर तक उच्चतर शिक्ष्
फ्लैग: नई सोच वाले विद्यार्थियों को प्रोत्साहन के लिए शुरू की गई योजना, 25 नवंबर तक उच्चतर शिक्षण संस्थान रैं¨कग के लिए करा सकते हैं रजिस्ट्रेशन जागरण संवाददाता, करनाल
नई सोच के विद्यार्थियों को प्रोत्साहन देने और उच्चतर शिक्षण संस्थानों को और बेहतर बनाने के लिए सरकार एक और प्रयोग करने जा रही है। मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट (एमएचआरडी) की ओर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से अटल रैं¨कग योजना शुरू की गई है। इसके लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। 25 नवंबर तक शिक्षण संस्थान विभाग की साइट एआरआइआइए पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसमें देशभर के संस्थान हिस्सा लेंगे। बेहतर प्रदर्शन करने वाले संस्थान को नए साल के अवसर पर एमएचआरडी विशेष रूप से सम्मानित करेगा। इनोवेशन के आधार पर होगा संस्थान का चयन
योजना में जिसकी रै¨कग बेहतर होगी, उसे नए साल पर केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से सम्मानित किया जाएगा। जानकारी के अनुसार बेहतर इनोवेशन के आधार पर उच्चतर शिक्षा संस्थान का चयन होगा। केंद्रीय मानव संसाधन और विकास मंत्रालय ने इसकी गाइडलाइन जारी कर दी है। एमएचआरडी की साइट अटल रैं¨कग ऑफ इंस्टीट्यूशन ऑन इनोवेशन अचीवमेंट के लिए जारी गाइडलाइन के अनुसार पंजीयन अनिवार्य है। पंजीयन कराने वाले संस्थानों को 26 नवंबर के बाद से डाटा भी सबमिट करना होगा। इसकी अंतिम तिथि 31 दिसंबर है। इन सात मापदंडों पर खरा उतरना जरूरी
साइट पर जारी गाइडलाइन के अनुसार कॉलेज और यूनिवर्सिटी को सात मापदंडों पर खरा उतरना होगा। रैं¨कग में सबसे पहले संस्था का बजट और फं¨डग स्पोर्ट देखा जाएगा, संस्थान आइडिया जेनरेशन और इनोवेशन को लेकर कितना जागरूक किया गया है, संस्थान की ओर से प्रोमोशन और इंटर प्रिन्योरशिप स्पोर्टिंग पर ध्यान दिया जा रहा है, लर्निंग मैथड और कोर्स कैसे हैं, इंटेक्चुअल प्रॉपर्टी जनरेशन, टेक्नोलॉजी ट्रांसफर एंड कॉमर्शियलाइजेशन और संस्थान के शासन में नवाचार शामिल है।
योजना का उद्देश्य उच्चतर शिक्षण संस्थानों को और बेहतर बनाना है। साथ ही जो विद्यार्थी नई सोच के साथ देश और समाज को आगे ले जाने के लिए प्रयोग कर रहे हैं। उन्हें भी इस माध्यम से प्रोत्साहित किया जाएगा। विद्यार्थियों की नई सोच से एक ओर जहां अन्य विद्यार्थियों को प्रोत्साहन मिलेगा। साथ ही संबंधित शिक्षण संस्थान की भी बेहतर रैं¨कग आने पर देश में गिनती होगी।
-केएल गोसाई, ¨प्रसिपल, दयाल ¨सह कॉलेज, करनाल।