Move to Jagran APP

15 से 18 वर्ष के करीब 200 बच्चों को लगी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज

नागरिक अस्पताल में 15 से 18 वर्ष के छात्रों को कोरोना वैक्सीन की पहल

By JagranEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 08:24 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 08:24 AM (IST)
15 से 18 वर्ष के करीब 200 बच्चों को लगी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज
15 से 18 वर्ष के करीब 200 बच्चों को लगी कोरोना वैक्सीन की पहली डोज

संवाद सहयोगी, घरौंडा : नागरिक अस्पताल में 15 से 18 वर्ष के छात्रों को कोरोना वैक्सीन की पहली डोज लगनी शुरू हो चुकी है। बिना मास्क और बिना वैक्सीनेशन प्रमाणीकरण सरकारी कार्यालयों में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। नतीजतन नागरिक अस्पताल में दूसरी डोज लगवाने वालों की लंबी लाइनें लगी हुई हैं। लाइनें सिर्फ नागरिक अस्पताल ही नहीं बल्कि तहसील कार्यालय में भी हैं। सरकारी कार्यालय में लगी ये कतारें शारीरिक दूरी के नियमों की धज्जियां उड़ाने के साथ-साथ कोरोना वायरस के खतरे को भी बढ़ा रही हैं।

loksabha election banner

सोमवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 15 से 18 वर्ष के स्कूली छात्रों को कोरोनारोधी दवा की पहली डोज लगाई गई। बच्चों को सिर्फ को-वैक्सीन दी जा रही है। पहली डोज के 28 दिन बाद बच्चों को दूसरी डोज लगाई जाएगी। वैक्सीनेशन को लेकर छात्रों में खासा उत्साह दिखाई दिया। टीकाकरण के लिए छात्र कतारों में खड़े नजर आए, लेकिन इनके बीच शारीरिक दूरी का नियम नदारद था। हालांकि अस्पताल में बिना मास्क किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने दिया गया। किशोरों ने साझा किए अनुभव

छात्रा काजल, वंदना, सोनिया, कोमल, निखिल और हिमांशु ने अपने अनुभव साझा करते हुए उठाया कि हम अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे कि कब हमें कोरोना का टीका लगेगा। सरकार के आदेश हुए और बच्चों को भी कोरोना टीके की पहली डोज लगनी शुरू हो गई। वैक्सीनेशन सभी के लिए जरूरी है, ताकि महामारी से बचा जा सके। सरकार के आदेशों का असर, दूसरी डोज के लिए लगी लाइन

सीएचसी के एसएमओ डा. मुनेश गोयल का कहना है कि 15 से 18 वर्ष के बच्चों को पहली डोज लगाई जा रही है। शाम चार बजे तक लगभग 200 बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी गई है। सरकार के ही आदेशों का असर है कि आज लोग दूसरी डोज के लिए लाइनों में लगे है। पहले स्वास्थ्य विभाग ने डोर टू डोर वैक्सीनेशन अभियान चलाया लेकिन लोगों ने वैक्सीन के दौरान झूठ बोला कि उन्हें दूसरी डोज लग चुकी है। अब सैंकड़ों की संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। अस्पताल में सात काउंटर चलाए जा रहे है। पहले जहां प्रतिदिन 500 डोज लगाई जाती थी वंही अब प्रतिदिन पांच हजार टीके लगाए जा रहे है। तहसील में बिना सर्टिफिकेट एंट्री नहीं, शारीरिक दूरी गायब

सरकारी कार्यालयों में दूसरी डोज का सर्टिफिकेट देखने के बाद ही एंट्री की जा रही है। बिना मास्क किसी को कार्यालय में नहीं जाने दिया जा रहा। हालांकि लोग मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं लेकिन शारीरिक दूरी के नियम की धज्जियां सरकारी कार्यालयों में उडाई जा रही है। चाहे वह सरकारी अस्पताल या तहसील कार्यालय हो अथवा तहसील प्रांगण में बैठे स्टाम्प वेंडर। अटल सेवा केंद्र में लोग लाइनों की बजाय एक दूसरे से सटे नजर आते हैं। वहीं स्टाम्प वेंडर भी बिना मास्क और बिना शारीरिक दूरी बनाए काम कर रहे हैं। उपमंडलाधिकारी कार्यालय व प्रांगण के ही ऐसे हालात है तो दूसरे कार्यालय में क्या उम्मीद की जा सकती है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.