टोल पर चौतरफा झोल, हादसों का खतरा, अफरातफरी, जाम का झाम
एनएच-44 पर सफर के लिए निकले हैं तो सचेत हो जाइए। अब यहां बसताड़ा टोल प्लाजा पर हादसों का खतरा और अधिक बढ़ गया है। इतना ही नहीं बुधवार से लागू सिगल कैश लेन व्यवस्था के पहले ही दिन यहां दिन वाहनों की लंबी कतारें नजर आईं।
जागरण संवाददाता, घरौंडा: एनएच-44 पर सफर के लिए निकले हैं तो सचेत हो जाइए। अब यहां बसताड़ा टोल प्लाजा पर हादसों का खतरा और अधिक बढ़ गया है। इतना ही नहीं, बुधवार से लागू सिगल कैश लेन व्यवस्था के पहले ही दिन यहां दिन वाहनों की लंबी कतारें नजर आईं। ऐसे में एक तरफ कई मर्तबा जहां वाहन चालकों और टोलकर्मियों के बीच आपसी विवाद की नौबत आ गई तो वहीं, फास्टैग सुविधा से लैस वाहनों के चालकों की आगे निकलने की होड़ में बेकाबू रफ्तार के कारण गंभीर हादसे होते-होते टले। हालांकि, स्थिति संभालने के लिए प्रशासनिक स्तर पर ड्यूटी मजिस्ट्रेट सहित पर्याप्त संख्या में पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई है। इसके बावजूद कम से कम पहले दिन टोल प्लाजा पर स्थिति कतई व्यवस्थित नजर नहीं आई। जाम में फंसे वाहन, लगी कतारें
दरअसल, एनएच के टोल प्लाजा पर निर्बाध क्रॉसिग के उद्देश्य से शुरू की गई फास्टैग सर्विस वाहन चालकों के जी का जंजाल बन गई है। फास्टैग पूरे देश में लागू किया जाना है, जिसका मकसद ट्रैफिक मूवमेंट को निर्बाध बनाना और रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन टेक्नॉलजी के जरिए टोल कलेक्शन है। लेकिन टोल प्लाजा पर टोल कलेक्शन का यह तरीका वाहन चालकों के लिए बहुत बड़ी परेशानी बना हुआ है। बुधवार को बसताड़ा टोल प्लाजा की लेन चार से एक रह गई। वाहन लगातार जाम में फंसे हैं। ऐसे में कैश लेन वाले वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। 55 फीसदी चालकों ने ही बनवाए फास्टैग
टोल अधिकारियों के अनुसार, वाहन चालकों को फास्टैग के लिए प्रति जागरुक किया गया था। पहले एक दिसंबर को फास्टैग लागू होना था लेकिन सरकार ने 15 दिसंबर तक समय दे दिया था ताकि जो लोग बिना फास्टैग हैं, वे फास्टैग बनवा सकें। 14 जनवरी तक टोल पर चार कैश लेन थीं लेकिन 15 जनवरी को कैश लेन सिगल हो गई है। अब तक मात्र 55 प्रतिशत वाहन चालकों ने ही फास्टैग बनवाए हैं। फास्टैग के प्रति वाहन चालकों के गंभीर न होने की वजह से टोल पर जाम की स्थिति बनी हुई है। सरकार के निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
कर्मचारियों से उलझे वाहन चालकटोल प्लाजा पर जाम में फसे वाहन चालकों का गुस्सा सातवें आसमान पर था। दिन भर टोल कर्मचारियों और वाहन चालकों के बीच झगड़े होते रहे। टोल अधिकारी वाहन चालकों को सरकार के नोटिफिकेशन का हवाला देते रहे। टोल प्रबंधकों ने वाहन चालकों को समझाने के भरसक प्रयास किए। टोल पर स्थिति संभालने के लिए कई बार टोल फ्री भी की गई, लेकिन पूरा दिन जाम लगा रहा। इसका मुख्य कारण सिगल कैश लेन को माना जा रहा है। कैश लेन बढ़ाएं
वाहन चालक ईपीएस चोपड़ा का कहना है कि सरकार ने सिगल लेन का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है लेकिन इस नोटिफिकेशन की वजह से वाहन चालकों को घंटों तक जाम में खड़ा होना पड़ रहा है। सिगल लेन से कितने वाहन क्रॉस करेंगें। जब तक फास्टैग पूरे नहीं हो जाते, कम से कम तब तक तो कैश लेन बढ़ाई जाए।टोल पर नहीं व्यवस्थायात्री धर्मबीर शर्मा का कहना है कि टोल पर किसी तरह की कोई व्यवस्था नहीं है। वाहन चालक घंटों तक जाम में फंसे हुए है। लंबी लंबी कतारें लगी हुई है। लेकिन टोल कंपनी टोल वसूलने में मशगूल है, इनका वाहन चालकों की परेशानियों की तरफ कोई ध्यान नहीं है।
कोई कब तक इंतजार करेवाहन चालक वेदपाल का कहना है कि जब गाड़ी खरीदते समय टोल वसूल लिया जाता है तो हाइवे पर आते ही कंपनियां क्यों टोल वसूल रही है। वाहन चालकों को परेशान करने का काम किया जा रहा है। सरकार की पॉलिसी गलत है।
वर्जन-टोल पर जाम की स्थिति बनी हुई है। कैश भुगतान के लिए एक ही लेन है। स्थिति संभालने के लिए ड्यूटी लगाई गई है। वाहन चालकों को समझाने का प्रयास किया जा रहा है।-प्रेम सिंह, ड्यूटी मजिस्ट्रेट
वर्जन-55 फीसदी वाहन चालकों ने ही अभी तक फास्टैग बनवाए है। 15 जनवरी से कैश लेन सिर्फ एक रह गई है। वाहन चालकों से अनुरोध है कि फास्टैग बनवाएं, ताकि जाम की स्थिति का सामना ना करना पड़े।-मनीष कुमार, टोल मैनेजर