तीन माह बाद संडे बाजार में लौटी रौनक
संडे बाजार आइए और सस्ते में ले जाइए 100 रुपये में पैंट-शर्ट.. कुछ इस तरह की आवाजें सेक्टर-12 स्थित संडे बाजार में सुनाई देने लगी हैं।
जागरण संवाददाता, करनाल : संडे बाजार आइए और सस्ते में ले जाइए। 100 रुपये में पैंट-शर्ट.. कुछ इस तरह की आवाजें सेक्टर-12 स्थित संडे बाजार में सुनाई देने लगी हैं। हालांकि, इस रविवार बाजार का नजारा पहले से अलग था। ज्यादातर दुकानदारों सहित ग्राहक अपने मुंह पर मास्क लगाए हुए थे और सैनिटाइजर का प्रयोग भी बहुतायत से किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण के चलते लॉकडाउन की घोषणा के बाद तीन माह बाद यहां रौनक लौटी है। गरीब और मध्य वर्ग के लोगों के लिए संडे बाजार काफी किफायती है, क्योंकि यहां से उनके मतलब का सस्ता और टिकाऊ सामान आसानी से मिल जाता है। दुकानदारों की मानें तो अभी ग्राहकों में कमी है। करीब 200 दुकानों पर विदेशी कपड़ों में टी-शर्ट, पेंट-कमीज, लोअर, तौलिये सहित सस्ती दरों पर नए कपड़ों की बिक्री की गई। विभिन्न डिजाइनों की घड़ियों सहित परफ्यूम को ग्राहकों ने पसंद किया।
ग्राहकों की संख्या बढ़ने लगी
तीन माह से बंद के चलते लोगों ने गर्मियों की खरीदारी कम की है और दुकानदारों का मॉल भी स्टॉक हो चुका था। एक माह पहले जब संक्रमण बचाव के नियमों की पालना के साथ बाजार खोल दिए गए थे। इस दौरान संडे मार्केट में दुकानदारों ने परहेज किया ताकि समय रहते कोरोना पर नियंत्रण किया जा सके। पानीपत के दुकानदार यशपाल ने बताया कि सर्दियों का सीजन खत्म होने के बाद मार्च माह से ही गर्मियों के स्टॉक की खरीदारी कर ली गई थी। अचानक लॉकडाउन की घोषणा के कारण लाखों रुपये का सामान घरों में रखना पड़ा। दुकानदारी बंद होने के कारण खरीदे कपड़ों की कीमत भी कर्ज बनकर रह गई। तेज दौड़ती जिदगी मानो थम सी गई हो। अब थोड़ी राहत मिली है, लेकिन बाजार में पहले जैसी तेजी नहीं है। सप्ताह में एक दिन लगने वाली दुकान से घर का गुजारा चलता है। आने वाले दिनों में पहले जैसी बिक्री होने की उम्मीद है।
महिलाओं और बच्चों की संख्या कम
खरीदारी के मामले में यहां महिलाओं और बच्चों की संख्या अधिक रहती है। फिल्हाल अभी बाजार की जानकारी न होने के कारण महिलाएं व बच्चे बाजार तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। खरीदारी करने पहुंचे इंद्री निवासी सुरेश कुमार ने बताया कि गर्मी में घर पर पहनने के लिए पायजामा और टी-शर्ट खरीदी हैं। दो माह से किसी तरह काम चला रहे थे। कुंजपुरा रोड स्थित दुकान से जब लोअर खरीदने गए तो 700 रुपये का रेट सुन कर वापिस लौट आया था। पत्नी और बच्चों के लिए खरीदारी करनी थी जिसके लिए आज यहां पहुंचा हूं। अभी दुकानदारों की संख्या कम है जिसके चलते अधिक वैरायटी नहीं मिली। बावजूद घर पहनने के लिए कपड़े पसंद किए हैं। इस बाजार से घरेलू जरूरत का, छोटे-बड़े, बूढ़ों, महिलाओं आदि सभी का सामान आसानी से मिल जाता है। आने वाले दिनों में सुरक्षा इंतजामों के साथ दुकानदारों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है। मुख्य बाजार रहे सूने
एक तरफ अर्से बाद संडे बाजार में रौनक दिखाई तो शहर के तमाम मुख्य बाजार सूने रहे। दरअसल, रविवार को प्रशासनिक सख्ती के चलते मुख्य बाजारों में पूर्ण बंदी रखी जा रही है, जिसके चलते यहां छह दिन की चहल-पहल के बाद रविवार को दिन भर सूनापन ही नजर आता है। वाहनों की आवाजाही भी अन्य दिनों की तुलना में कम ही नजर आई।