एडॉप्ट-ए-फैमिली योजना से देशभर में पेश की नजीर
जागरण संवाददाता करनाल कोरोना काल में करनाल के युवा डीसी निशांत यादव ने हर कदम पर से
जागरण संवाददाता, करनाल: कोरोना काल में करनाल के युवा डीसी निशांत यादव ने हर कदम पर सेवा की नजीर पेश की। प्रवासी कामगारों को उनके प्रदेशों में भिजवाने से लेकर गरीब, असहाय लोगों के लिए खास तौर पर उन्होंने बहुआयामी योजना एडॉप्ट ए फैमिली शुरू की थी। इसमें 15 हजार परिवारों को गोद लेने के साथ ही करीब एक करोड़ रुपये से राशन सामग्री अन्य जरूरी वस्तुएं उपलब्ध कराई। आलम यह रहा कि अपनी परवाह किए बिना डीसी खुद ऐसी तमाम बस्तियों, झुग्गी-झोपड़ियों तक गए, जहां लोग बेहद परेशान थे। सामाजिक संस्थाओं के साथ उन्होंने बाकायदा बहुस्तरीय प्लान तैयार करके चारों तरफ मदद पहुंचाई। सार्थक पहल के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से भी नियमित ब्रीफिग में उनका और करनाल का विशेष रूप से उल्लेख किया।
बीते वर्ष कोविड-19 के कारण जब पूरे देश में लॉकडाउन लगा तो अनेक लोग इससे प्रभावित हुए। ऐसे में डीसी ने संकल्प लिया कि संकट की घड़ी में कोई गरीब या जरूरतमंद भूखा न सोए, इसके लिए एडॉप्ट ए फैमिली योजना शुरू की जाए। उन्होंने सामाजिक संगठनों की बैठक बुलाई और सुझाव दिया कि एक-एक परिवार गोद लेकर मदद पहुंचाई जाए। देखते ही देखते शुरुआती दौर में करीब 65 लाख की मदद जुटी, जिसके बूते 15 हजार परिवारों को गोद लिया गया। खुद डीसी मुहिम की अगुवाई करते हुए शहर की तमाम बस्तियों और झुग्गी-झोंपड़ियों तक गए और लोगों तक मदद पहुंचाई। नतीजा यह रहा कि भारत सरकार में स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने भी नियमित ब्रीफिग में करनाल के युवा डीसी की सार्थक पहल को सराहते हुए इसे करनाल मॉडल के रूप में पूरे देश के सामने नजीर की शक्ल में पेश किया। यह किया डीसी निशांत ने
डीसी निशांत यादव ने एडॉप्ट ए फैमिली योजना को इतने बेहतर ढंग से तैयार किया कि हर जरूरतमंद के पास नियमित रूप से आवश्यक वस्तुएं पहुंचती रहीं। शहर के बीस वार्ड में बीस ही टीम बनाई गईं। हर टीम में संबंधित क्षेत्र के पांच-पांच प्रमुख लोग शामिल रहे। फिर संस्थागत या व्यक्तिगत रूप से गोद लिए एक-एक परिवार को साप्ताहिक रोटेशन के अनुरूप जरूरी राशन मुहैया कराया गया, जिसमें चावल, आटा, दाल, आलू, खाना पकाने का तेल, चीनी, सूखा दूध जैसी जरूरी खाद्य वस्तुएं शामिल रही। यूं मिले बेहतर नतीजे
डीसी निशांत यादव ने बताया कि एडोप्ट ए फैमिली योजना को प्रभावी बनाने के लिए प्रोत्साहन पर सर्वाधिक जोर दिया। इसके तहत स्पष्ट किया गया कि जो व्यक्ति 10 या इससे ज्यादा परिवारों को गोद लेगा, उसे जिला प्रशासन की ओर से प्रशंसा पत्र दिया जाएगा। जबकि 20 या 20 से ज्यादा परिवारों को गोद लेने वालों को उपायुक्त अपने कार्यालय में बुलाकर सम्मानित करेंगे। लोगों ने प्रशासन की बात समझी और खुले दिल से जरूरतमंदों की सेवा के लिए हाथ बढ़ाए।