52 कर्मचारियों को किया गिरफ्तार, नेता फरार
न्यायपुरी में धरने पर बैठे बहुद्देश्यीय कर्मचारियों को शनिवार दोपहर पुलिस ने एस्मा के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सभी कर्मचारियों को सिविल लाइन थाने में हवालात में बंद कर दिया गया।
जागरण संवाददाता, करनाल : न्यायपुरी में धरने पर बैठे बहुद्देश्यीय कर्मचारियों को शनिवार दोपहर पुलिस ने एस्मा के तहत कार्रवाई करते हुए गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सभी कर्मचारियों को सिविल लाइन थाने में हवालात में बंद कर दिया गया। वहां पर भी उन्होंने रोष जाहिर किया। यहां से उनका नागरिक अस्पताल में मेडिकल कराकर जज के समक्ष पेश किया गया। जज रजत वर्मा ने गिरफ्तार किए गए सभी कर्मचारियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
शुक्रवार सुबह ही धरने पर बैठे बहुद्देश्यीय कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली। धरनास्थल पर सिविल लाइन थाना प्रभारी राजबीर यादव पहुंचे। उन्होंने कर्मचारियों को 10 मिनट का अल्टीमेटम देते हुए कहा कि यदि वह इस समय के अंदर धरने से नहीं उठे तो उनको गिरफ्तार करना पड़ेगा। यह कहकर वह थाने चले गए। कुछ देर के बाद जब कर्मचारी नहीं उठे तो वह दल-बल के साथ धरनास्थल पर पहुंचे और उनको गिरफ्तारी देने की बात कही। जिस पर कर्मचारी सहमत हो गए।
कर्मचारियों ने कहा कि वह गिरफ्तारी देने के लिए तैयार हैं। पुलिस ने एस्मा के तहत कार्रवाई करते हुए 52 कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया। जिसमें 24 महिलाएं शामिल थी। गिरफ्तार किए गए कर्मचारियों को सबसे पहले सिविल लाइन थाने लाया गया। यहां पर उनको हवालात में बंद कर दिया गया। सभी के नाम नोट कर उनका नागरिक अस्पताल के ट्रामा सेंटर से मेडिकल कराया गया। जिसके बाद उनको जज के समक्ष पेश कर 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। कर्मचारियों ने जमकर विरोध किया।
इनको किया गया गिरफ्तार
धरनास्थल से कर्मचारी जगबीर ¨सह, विनोद कुमार, बिशन ¨सह, ओम ¨सह बिजेंद्र, मुलतान ¨सह, संदीप, सुरेश, राजीव, जसमेर ¨सह, धर्मदास, अशोक कुमार, मनोज कुमार, संजीव, सतीश, जगबीर, सुरेश चंद, सुरेंद्र ¨सह, कुलदीप ¨सह, सुनीता, कौशल्या, सत्यावंती, अनीता रानी, उमा, नरेश, सुदेश, चंद्रकांता, सुखबीर, ओमपति, शर्मिला, दर्शना, सुदेश सहित 52 को गिरफ्तार किया गया।
जोश फूंकने वाले चुपके से खिसक गए
धरना स्थल पर नाटकीय घटनाक्रम भी देखने को मिला। जो कर्मचारी नेता धरने पर बैठे कर्मचारियों में जोश फूंक रहे थे, वहीं कर्मचारी नेता जब गिरफ्तारी की बारी आई तो रफूचक्कर हो गए। कुछ महिलाएं भी गिरफ्तारी के डर से एक के बाद एक वहां से रवाना होना शुरू हो गई।
जबरदस्ती धरने पर बैठाने का प्रयास
गिरफ्तारी की जब बात आई तो कर्मचारी धरनास्थल से बहाना बनाकर वहां से जाना शुरू हो गए। कुछ कान पर मोबाइल लगाकर वहां से सटक गए तो कुछ दूसरे कर्मचारियों का बहाना बनाकर वहां से चलते बने। जब धरने पर कर्मचारियों की संख्या कम होने लगी तो धरनास्थल से गए कर्मचारियों को पकड़कर लाया गया। जबरदस्ती बैठाने का प्रयास किया गया।
आंदोलन का लाभ एमपीएचडब्ल्यू को मिलेगा, हमें तो जबरदस्ती बैठाया
धरने पर कई अलग-अलग रंग देखने को मिले। सोनीपत से आए एक सुपरवाइजर से दैनिक जागरण ने बात की। उन्होंने बताया धरने प्रदर्शन या आंदोलन से हमारा कोई फायदा नहीं होने वाला है। इसका लाभ मिलेगा तो एमपीएचडब्ल्यू को लेकिन हमें तो जबरदस्ती यहां पर बैठाया गया है। गिरफ्तारी देने के लिए भी हमें ही आगे किया जा रहा है।