होम आइसोलेटिड मरीजों की केयर कर 200 एमबीबीएस छात्र पेश कर रहे मिसाल
होम केयर एंड टेलि कंसल्टेशन प्रोग्राम के तहत कोविड संक्रमण से प्रभावित करीब 94 प्रतिशत होम आइसोलेटिड मरीजों को घर पर ही बेहतरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से घर पर करीब 4500 आइसोलेट मरीजों की देखभाल कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के थर्ड व फाइनल इयर के 200 एमबीबीएस छात्र कर रहे है। करनाल जिले ने ये एक ऐसी पहल शुरू की है जोकि पूरे देश के लिए अनुकरणीय बन गई है। इस पहल से जहां कोविड अस्पताल में मरीजों की संख्या कम हुई है वहीं गंभीर मरीजों को कोविड अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला है।
जागरण संवाददाता, करनाल : होम केयर एंड टेलि कंसल्टेशन प्रोग्राम के तहत कोविड संक्रमण से प्रभावित करीब 94 प्रतिशत होम आइसोलेटिड मरीजों को घर पर ही बेहतरी चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से घर पर करीब 4500 आइसोलेट मरीजों की देखभाल कल्पना चावला राजकीय मेडिकल कॉलेज के थर्ड व फाइनल इयर के 200 एमबीबीएस छात्र कर रहे है। करनाल जिले ने ये एक ऐसी पहल शुरू की है जोकि पूरे देश के लिए अनुकरणीय बन गई है। इस पहल से जहां कोविड अस्पताल में मरीजों की संख्या कम हुई है, वहीं गंभीर मरीजों को कोविड अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिला है। इसके अलावा होम आइसोलेटिड मरीजों को घर पर ही समय पर दवाई, स्वास्थ्य जांच व जरूरत के अनुसार ऑक्सीजन मिल रही है। यह मेडिकल छात्र मरीजों से प्रतिदिन दो बार फोन के माध्यम से जानकारी ले रहे है और मरीजों का स्वास्थ्य बिगड़ने पर कोविड अस्पताल में समय रहते दाखिल करवा रहे है। अब मरीज को इस योजना के शुरू होने से उपचार में कोई दिक्कत नहीं है। इस प्रकार सभी 4500 मरीजों की स्वास्थ्य मोनिटरिग का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। इस कार्य को भलीभांति करने के लिए सभी 200 एमबीबीएस छात्रों को जिला प्रशासन द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया जा चुका है। छात्र जीवन में ही मानवता की सेवा करने का अवसर मिलना गर्व की बात-अदिति गर्ग होम केयर एंड टेलि कंसल्टेशन प्रोग्राम से जुड़े 8 से 10 एमबीबीएस छात्रों से जब होम आइसोलेटिड मरीजों को दी जा रही सेवाओं के संबंध में अनुभव सांझा किए तो फाइनल इयर की छात्रा डॉ. अदिति गर्ग का कहना था कि कोरोना महामारी से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में मानवता की सेवा करने का छात्र जीवन में ही मौका मिला है। यह अवसर मिलना हमारे लिए गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक एमबीबीएस छात्र घर पर आइसोलेट 25 मरीजों का प्रतिदिन की स्वास्थ्य जांच की रिपोर्ट ले रहे है, जिनमें मरीज का तापमान, बीपी तथा ऑक्सीजन लेवल इत्यादि शामिल है। अगर मरीज की तबीयत बिगड़ती है तो उसे तुरंत कोविड अस्पताल में उपचार के लिए दाखिल करवाया जाता है। यही नहीं प्रत्येक 10 एमबीबीएस छात्रों पर एक स्वास्थ्य सलाहकार भी नियुक्त किया गया है जो छात्रों द्वारा भरी गई रिपोर्ट का आंकलन करते हकं और जिस मरीज को डॉक्टरी सलाह की आवश्यकता होती है, उन्हें परामर्श देते है।