जनस्वास्थ्य विभाग के 124 कर्मचारियों का गलत वेतन डाला, हंगामा
जनस्वास्थ्य विभाग से नगर निगम में डेपुटेशन पर भेजे गए लगभग 200 कर्मचारियों की सिरदर्दी कम होने का नाम नहीं ले रही है।
जागरण संवाददाता, करनाल
जनस्वास्थ्य विभाग से नगर निगम में डेपुटेशन पर भेजे गए लगभग 200 कर्मचारियों की सिरदर्दी कम होने का नाम नहीं ले रही है। कर्मचारियों को कभी अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ रहा है तो कभी वेतन के लिए भटकना पड़ रहा है। कर्मचारियों ने कहा कि जो वेतन एक तारीख को आ जाता था, वह इस बार लंबी लड़ाई के बाद 22 अप्रैल को खाते में आया। जब खाते में कम सैलरी का मैसेज देखकर उनके होश उड़ गए। कर्मचारी अजीत सिंह के खाते में 28500 सैलरी के आने थे, लेकिन खाते में महज तीन हजार रुपये आए। इसी प्रकार कृष्ण चंद शर्मा ने बताया कि उनके खाते में 53310 रुपये आने थे, लेकिन 8509 रुपये काट लिए। पूर्ण सिंह ने बताया कि तीन हजार रुपये उनके भी कम आए हैं। सैलरी मैसेज के आते ही उन्होंने निगम अधिकारियों से संपर्क किया तो उन्होंने भी कोई ठोस जवाब नहीं दिया। कर्मचारियों ने निगम अधिकारियों के समक्ष अपन विरोध भी दर्ज कराया। खाते से जीपीएफ और अन्य फंड कटे पर ट्रांसफर नहीं हुए
कर्मचारियों ने कहा कि जब उनकी सैलरी भेजी गई उसमें उनके खाते से जीपीएफ, जीआइएस, एलआइसी आदि फंड तो काट लिए, लेकिन संबंधित विभाग को ट्रांसफर नहीं किए। आज भी निगम के खाते में कर्मचारियों का काटा गया लाखों रुपये पड़ा है। इस अव्यवस्था के कारण उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। यूनियन के प्रधान कृष्ण चंद शर्मा ने कहा कि व्यवस्था को दुरुस्त किया जाना चाहिए। 16 सितंबर 2018 को किया था मर्ज
राज्य प्रधान कृष्ण शर्मा ने बताया कि 16 सितंबर 2018 को जनस्वास्थ्य विभाग करनाल और सोनीपत के कर्मचारी डेपुटेशन पर नगर निगम में भेज दिए थे। तब सरकार ने तय किया था कि जब तक नगर निगम में इनकी पोस्ट स्वीकृत नहीं होती और बजट नहीं आता तब तक वेतन जनस्वास्थ्य विभाग देगा। खेद की बात है कि नगर निगम ने पिछले छह महीने से न पोस्ट स्वीकृत की न ही बजट स्वीकृत कराया था। मार्च माह का वेतन भी 22 अप्रैल को रिलीज किया है। वर्जन
नगर निगम के सेक्शन ऑफिसर संजय ने बताया कि कर्मचारियों का जो वेतन डाला गया है वह जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी एलपीसी यानी लास्ट पेमेंट सर्टिफिकेट के अनुसार ही भेजा गया है। कर्मचारियों की शिकायतें उनके पास आई हैं। जनस्वास्थ्य विभाग की तरफ से एलपीसी को दोबारा भेजने की बात कही गई है, दोबारा एलपीसी आती है तो उसके अनुसार वेतन कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर कर दिया जाएगा।