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महफूज बचपन कार्यक्रम में पहुंचे 107 विद्यार्थी, कहानी लेखन में लक्ष्य अव्वल

जागरण संवाददाता, करनाल रेलवे रोड स्थित गुरु नानक खालसा कॉलेज में जिला प्रशासन व महिला ए

By JagranEdited By: Published: Thu, 18 Jan 2018 03:01 AM (IST)Updated: Thu, 18 Jan 2018 03:01 AM (IST)
महफूज बचपन कार्यक्रम में पहुंचे 107 विद्यार्थी, कहानी लेखन में लक्ष्य अव्वल
महफूज बचपन कार्यक्रम में पहुंचे 107 विद्यार्थी, कहानी लेखन में लक्ष्य अव्वल

जागरण संवाददाता, करनाल

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रेलवे रोड स्थित गुरु नानक खालसा कॉलेज में जिला प्रशासन व महिला एवं बाल विकास विभाग ने बाल यौन शोषण, बाल श्रम व बच्चों से संबंधित अपराधों के प्रति जागरूकता के लिए महफूज बचपन कार्यक्रम आयोजित किया। डीसी डॉ. आदित्य दहिया इसमें मुख्यातिथि रहे। कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के 107 विद्यार्थियों ने पोस्टर मे¨कग, कहानी, कविता व स्लोग्न लेखन प्रतियोगिताएं में प्रतिभा दिखाई। कविता लेखन प्रतियोगिता में एसएमएस मैमोरियल स्कूल तरावड़ी की मुस्कान प्रथम स्थान पर रही। प्रताप पब्लिक स्कूल सेक्टर-6 के केशव ने द्वितीय व प्रताप पब्लिक स्कूल सेक्टर-6 की साना ने तृतीय स्थान हासिल किया। कहानी लेखन प्रतियोगिता में सेंट थैरेसा कान्वेंट स्कूल की लक्ष्य ने प्रथम व अक्षत गोयल ने द्वितीय और प्रताप पब्लिक स्कूल सेक्टर-6 की मनिका ने तृतीय स्थान हासिल किया। स्लोग्न लेखन में दयाल ¨सह पब्लिक स्कूल सेक्टर-7 के नवलीन कत्याल ने प्रथम, दयाल ¨सह पब्लिक स्कूल मेन ब्रांच के हरकिरत ने द्वितीय स्थान व दयाल ¨सह पब्लिक स्कूल सेक्टर-7 की ²ष्टि ने तीसरा स्थान पाया। पोस्टर मे¨कग प्रतियोगिता में दि मिलेनियम स्कूल की दीपांशी ने प्रथम व कनिका दलाल ने द्वितीय और टैगोर बाल निकेतन स्कूल की अर्षिता राणा ने तृतीय स्थान हासिल कर खुद को साबित किया। उपायुक्त ने सभी विजेताओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर इंटर्न एडीए समीक्षा गुप्ता, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना कादियान, सीमा ¨बदल व जिना चौहान उपस्थित रहीं।

बचपन को सुरक्षित रखना जरूरी : डीसी

उपायुक्त डॉ. आदित्य दहिया ने कहा कि देश की नींव मजबूत करने के लिए बचपन को सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है। शिक्षकों व अभिभावकों सहित समाज के हर नागरिक की जिम्मेदारी बनती है कि हम बच्चों को सुरक्षित वातावरण प्रदान करें। उन्होंने कहा कि बाल यौन शोषण एक जघन्य अपराध है। कई बार बच्चा अपने साथ हुए किसी प्रकार के शोषण के बारे में किसी को नही बता पाता और इसका दुष्प्रभाव उसके दिमाग पर हमेशा बना रहता है। अभिभावकों और शिक्षकों को किसी भी प्रकार के तनाव में रह रहे बच्चे से खुलकर बात करनी चाहिए ताकि वह अपने साथ हुए शोषण के बारे में बता सके।


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