युवा टेनिस बॉल क्रिकेट में शुभम चित्रा मचा रहा धमाल
सीवन निवासी युवा शुभम चित्रा टेनिस बॉल क्रिकेट खेल में धमाल मचा रहा है। वह पिछले दो सालों में दो बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुका है। इस दौरान शुभम ने मेडल हासिल भी किए हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की स्थिति में वह काफी मेहनत कर रहा है और खुद ही अपने खेल के खर्चे का वहन कर रहा है। शुभम के पिता मजदूरी करते हैं और माता गृहिणी हैं। शुभम ने बताया कि उन्होंने केवल तीन साल पहले ही टेनिस बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया था। इससे पहले वह बॉल बैडमिटन खेलता था। उसने बताया कि वर्ष 2018 की शुरूआत में उसने टेनिस बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया था। इसके बाद वह 2019 में प्रदेश स्तर पर दो टूर्नामेंट खेला।
जागरण संवाददाता, कैथल : सीवन निवासी युवा शुभम चित्रा टेनिस बॉल क्रिकेट खेल में धमाल मचा रहा है। वह पिछले दो सालों में दो बार राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर चुका है। इस दौरान शुभम ने मेडल हासिल भी किए हैं। घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने की स्थिति में वह काफी मेहनत कर रहा है और खुद ही अपने खेल के खर्चे का वहन कर रहा है।
शुभम के पिता मजदूरी करते हैं और माता गृहिणी हैं। शुभम ने बताया कि उन्होंने केवल तीन साल पहले ही टेनिस बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया था। इससे पहले वह बॉल बैडमिटन खेलता था। उसने बताया कि वर्ष 2018 की शुरूआत में उसने टेनिस बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया था। इसके बाद वह 2019 में प्रदेश स्तर पर दो टूर्नामेंट खेला। जिसमें उसने दो मेडल प्राप्त किए। इसमें एक मेडल गोल्ड तो दूसरा सिल्वर मेडल हासिल किया था। वह इस समय ओपन टूर्नामेंट में ही हिस्सा ले रहा है।
शुभम ने बताया कि वह वर्ष 2012 में छठी कक्षा में पढ़ाई करता था, उस समय बॉल बैडमिटन खेलना शुरू किया था। इसके बाद वर्ष 2018 तक उसने बॉल बैडमिटन ही खेला था। इसके बाद वह वह ओपन टूर्नामेंट खेलना शुरू कर दिया। इसके बाद उसकी रुचि टेनिस बॉल क्रिकेट में हुई और उसने इस खेल को खेलना शुरू किया।
स्कूली खेलों में रह चुका है बेस्ट प्लेयर :
शुभम चित्रा ने बताया कि वर्ष 2018 में जब टेनिस बॉल क्रिकेट खेलना शुरू किया तो वह 12वीं कक्षा में पढ़ाई कर रहा था। शुरूआत में ही उसने प्रदेश स्तर पर खेलने की उपलब्धि हासिल कर ली। जिसके बाद एक वर्ष में दो बार स्कूली स्तर पर खेला और जीत दर्ज की। इस दौरान ही उसने दो मेडल हासिल किए। इस खेल में वह बेस्ट प्लेयर रहा।
आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं, कोच करते हैं सहयोग :
शुभम चित्रा ने बताया कि उसे परिवार की आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है। इस कारण वह 12वीं के बाद पढ़ाई भी आगे शुरू नहीं कर पाया है। उसके पिता मजदूरी करते हैं। जबकि माता एक गृहिणी है। वह स्वयं एक निजी कार्यालय में कार्य रहा है। स्कूली स्तर पर जब वह प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए जाता तो स्कूलों से कुछ मदद मिल जाती थी। 12वीं की पढ़ाई पूरी होने के बाद जब उसने ओपन टूर्नामेंट खेलना शुरू किया था, कुछ खर्चा स्वयं करता है और प्रतियोगिताओं में किराये का खर्चा उसके कोच संजय सेन करते हैं। उनके कोच के मार्गदर्शन में ही वह अच्छे खेल का प्रदर्शन कर रहे हैं।