सर्दी का मौसम शुरू, 76 लाख से बने रैन बसेरे पर लटका है ताला
सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। नगर परिषद की ओर से सिरटा रोड पर करीब 76 लाख रुपये की लागत से आधुनिक फेब्रिकेटिड रैन बसेरा तैयार किया गया है। करीब तीन महीने से रैन बसेरे पर ताला लटका हुआ है।
जागरण संवाददाता, कैथल : सर्दी का मौसम शुरू हो चुका है। नगर परिषद की ओर से सिरटा रोड पर करीब 76 लाख रुपये की लागत से आधुनिक फेब्रिकेटिड रैन बसेरा तैयार किया गया है। करीब तीन महीने से रैन बसेरे पर ताला लटका हुआ है। हालांकि इसके पास ही वाल्मीकि कम्यूनिटी सेंटर में वैकल्पिक रैन बसेरा चल रहा है। यहां लोगों के सोने की सुविधा तो है, लेकिन इसके अलावा कोई सुविधा राहगीरों को नहीं मिल रही है।
राहगीरों के लिए सबसे बड़ी समस्या है कि यह रैन बसेरा रेलवे स्टेशन व बस स्टैंड से काफी दूरी पर है। बस स्टैंड से करीब चार व रेलवे स्टेशन से करीब दो किलोमीटर की दूरी होने के कारण यहां राहगीर ठहरने के लिए नहीं पहुंच पा रहे हैं। यहां तक आने के लिए ऑटो का सहारा लेना पड़ता है, लेकिन रात के समय ऑटो भी नहीं मिल पाते।
रेलवे स्टेशन पर भी एक वैकल्पिक रैन बसेरा बना हुआ है, लेकिन उस पर भी ताला लटका हुआ है। अब सर्दी के मौसम में रात बिताने वाले लोगों को परेशानी उठानी पड़ सकती है। हालांकि नप अधिकारियों का दावा है कि एक सप्ताह के अंदर ही आधुनिक और स्थायी रैन बसेरे को शुरू कर दिया जाएगा। जिले का पहला फेब्रिकेटिड रैन बसेरा
वाल्मीकि कम्युनिटी सेंटर के पास जिले का पहला आधुनिक तरीके से फेब्रिकेटिड रैन बसेरा तैयार किया गया है। केंद्र सरकार की दीनदयाल बेसहारा आवास योजना के तहत इसका निर्माण किया गया है। सीएम मनोहर लाल ने 29 नवंबर 2018 को रोड शो से पहले रैन बसेरे का शिलान्यास किया था। इसकी सबसे खास बात यह है कि इसका ढांचा लोहे व स्टील से तैयार किया गया है। दिल्ली से ढांचा तैयार हुआ है जो पूरी तरह से जंगरोधक होगा। करीब 60 राहगीर इसमें रह सकते हैं।
यहां रहने वालों के लिए रसोई, पीने के पानी, शौचालय, प्राथमिक उपचार, अलग-अलग कमरों, सोलर सिस्टम, गैस चूल्हा, पंखे, लाइट, दिव्यांगों के लिए ऊपर चढ़ने के रैंप की अलग से सुविधा की गई है। इसके अलावा दो कर्मचारी भी नियुक्त किए जाएंगे जो इनकी देखभाल करेंगे। स्थायी रैन बसेरा बनाए जाने से लोगों को फुटपाथ व खुले में नहीं सोना पड़ेगा। एक सप्ताह के अंदर ही फेब्रिकेटिड रैन बसेरे को शुरू कर दिया जाएगा। इसके अलावा जरूरत पड़ने पर वैकल्पिक रैन बसेरे भी तैयार किए जाएंगे। इन रैन बसेरों में राहगीरों के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी।
- अशोक कुमार, कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद, कैथल