राष्ट्र जागरूक हुआ तो देश के धार्मिक स्थानों का उद्धार होने लगा : कैलाशानंद गिरी
जागरण संवाददाता कैथल निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर 1008 कैलाशानंद गिरी महारा
जागरण संवाददाता, कैथल : निरंजनी पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर 1008 कैलाशानंद गिरी महाराज गांव मानस में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम में पहुंचे। गिरी ने कहा कि राष्ट्रीय संस्कृति जीवित है तो हम सब जीवित हैं। उन्होंने कहा कि गंगा, गाय, मानवता और संस्कार इन सब की रक्षा के लिए मानव को तत्पर रहना चाहिए। व्यक्ति अगर भौतिक जीवन से बिखर गया। आध्यात्मिक जीवन समाप्त हो गया। व्यक्ति का मौलिक सिद्धांत चला गया। यह यदि जीवन से बिखर गया तो व्यक्ति का जीवन समाप्त हो गया। युवा ही देश का भविष्य सुधार सकते हैं। आज की राजनीति में भी धर्म की वही भूमिका है और धर्म अपनी भूमिका निभा रहा है। समाज को धर्म सही दिशा दिखा रहा है। यही इसकी समाज के लिए सबसे बड़ी भूमिका है। जो धर्म की रक्षा के लिए काम कर रहा है। जनता को ऐसे राजनीतिज्ञ की रक्षा करनी चाहिए। यही राष्ट्र धर्म है। उन्होंने बताया कि मार्च में कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय सनातनी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्मगुरु आचार्य संजीव भारद्वाज के आग्रह पर एक यज्ञ का कार्यक्रम प्रस्तावित है। जिसमें भगवान परशुराम की 108 फीट ़की भव्य मूर्ति का अनावरण करना प्रस्तावित है। इस यज्ञ में देश के बड़े धर्माचार्य को भी निमंत्रण दिया जाएगा।