Move to Jagran APP

क्योड़क में ग्रामीणों को एसटीपी के लिए करना होगा इंतजार

जागरण संवाददाता, कैथल : मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव क्योड़क में एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लां

By JagranEdited By: Published: Mon, 07 Jan 2019 11:46 PM (IST)Updated: Mon, 07 Jan 2019 11:46 PM (IST)
क्योड़क में ग्रामीणों को एसटीपी के लिए करना होगा इंतजार

जागरण संवाददाता, कैथल : मुख्यमंत्री के गोद लिए गांव क्योड़क में एसटीपी (सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट) किस तकनीक से बने पब्लिक हेल्थ विभाग ने यह तय करने में ही ढाई साल जाया कर दिए। ढाई सालों में तकनीक तो फाइनल हो गई, लेकिन अभी एसटीपी बनाने में कम से कम डेढ साल का समय और लगेगा। एसटीपी बनने में देरी का मुख्य कारण यही है। अभी जनवरी में एसटीपी बनाने की टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी और मार्च तक काम आरंभहोने की उम्मीद है। काम शुरूहोने के बाद भी कम से कम तैयार करने में एक साल का समय लगेगा। मुख्यमंत्री ने नौ मई 2016 में गांव में सीवरेज बिछाने के लिए 15.73 करोड़ की घोषणा की थी। इसी के तहत एसटीपी बनना था। ढाई साल में सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य भी पूरा नहीं हो पाया है।

loksabha election banner

गड्ढे बनेंगे एसटीपी का विकल्प

पब्लिक हेल्थ विभाग का दावा है कि वे मार्च तक गांव के सभी घरों के सीवरेज कनेक्शन नई सीवरेज लाइन (एसटीपी) से जोड़ देंगे। एसटीपी तैयार नहीं होने तक गांव में ही दो गड्ढे खोदे जाएंगे और इन्हीं गड्ढों में सीवरेज के पानी को एकत्र कर अंबाला रोड स्थित ड्रेन में डाला जाएगा। जब तक एसटीपी तैयार नहीं हो जाता ये गड्ढे ही एसटीपी का काम करेंगे।

सरकार के दबाव के बाद भी

कामों ने नहीं पकड़ी रफ्तार

सिर्फ क्योड़क में 70 करोड़ से ज्यादा की परियोजनाएं चल रही हैं। कई बार मुख्यमंत्री के ओएसडी अमरेंद्र ¨सह ने गांव में ही योजनाओं को सिरे चढ़ाने के लिए बैठकें ली, लेकिन अधिकारियों पर कोई असर नहीं दिखा। मुख्यमंत्री के गोद लिए होने के बाद भी क्योड़क में कामों की रफ्तार बहुत धीमी रही। कोई भी बड़ा प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया है। ग्रामीणों में भी कार्य की धीमी रफ्तार को लेकर रोष है।

बड़ी समस्या रही पानी की निकासी

महाग्राम का दर्जा प्राप्त कर चुके गांव क्योड़क में पानी निकासी की समस्या बहुत गंभीर रही है। ग्रामीणों को एसटीपी बनने से इसके स्थाई समाधान की उम्मीद जगी थी, लेकिन ग्रामीणों को डर है कि कहीं एसटीपी का कार्य लटक ना जाए।

टेंडर की मंजूरी को मुख्यालय भेजी गई फाइल

एसटीपी किस तकनीक से बनाया जाना है यह तय करने में थोड़ा समय लग गया। अब यह कार्य पूरा हो चुका है और टेंडर की मंजूरी के लिए फाइल मुख्यालय भेजी गई है। सीवरेज लाइन बिछाने का कार्य पें¨डग है। जल्द ही सीवरेज कनेक्शन करने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। एसटीपी नहीं बनने तक वैकल्पिक व्यवस्था सीवरेज के पानी के लिए की जा रही है।

- वीके गुप्ता, एक्सइएन, पब्लिक हेल्थ कैथल।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.