जल ही जीवन है इसके बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं : डीसी
जल ही जीवन है और जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती। यदि व्यर्थ में जल बहता रहा और जल संरक्षण के बारे में सोचा नहीं गया तो आगामी वर्षो में जल संकट की समस्या और अधिक विकराल हो जाएगी।
जागरण संवाददाता, कैथल : जल ही जीवन है और जल के बिना सुनहरे कल की कल्पना नहीं की जा सकती। यदि व्यर्थ में जल बहता रहा और जल संरक्षण के बारे में सोचा नहीं गया तो आगामी वर्षो में जल संकट की समस्या और अधिक विकराल हो जाएगी। हर व्यक्ति को जल संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए। इसी तर्ज पर सरकार द्वारा मेरा पानी-मेरी विरासत व जल जीवन मिशन के अलावा अनेक योजनाएं शुरू करके जल संरक्षण के लिए कदम बढ़ाएं हैं।
डीसी सुजान सिंह ने बताया कि पानी का दोहन इसी तरह से होता रहा तो आने वाले समय में हमें जल संकट से जूझना पड़ेगा। यह जल संकट की समस्या भविष्य में हमारे बच्चों के लिए होगी। इसलिए सभी को इस गंभीर समस्या के बारे में सोचना चाहिए। मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के अंतर्गत जल संरक्षण की तरफ बढ़ता एक नया कदम है। धान की फसल मिलने वाला धन तो पानी की तरह बह जाता है, परंतु धान उगाने में लगने वाला भू-जल कभी वापस नहीं आता। धान उगाने के चक्कर में अपनी आने वाली पीढि़यों के पानी जैसे अमूल्य धन को बर्बाद न करें।
जिला में मेरा पानी-मेरी विरासत योजना के तहत अब तक 5 हजार 600 किसानों ने पंजीकरण करवा लिया है, जिससे वे किसान 12 हजार 500 एकड़ में धान की बजाए मक्का व अन्य फसल लगाएंगे। धान के अलावा अन्य फसल लगाने के लिए किसानों को 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। यही नहीं ड्रिप सिचाई के तहत 85 प्रतिशत अनुदान राशि भी प्रदान की जाती है। धान की जगह मक्का, बाजरा, कपास, दाल उगाने पर फसल का बीमा सरकारी खर्च पर और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद की गारंटी दी गई है। इस योजना के बारे में किसान टोल फ्री नंबर 1800-180-2117 पर जानकारी प्राप्त कर सकता है। जल संरक्षण के तहत गुहला खंड में बोरवेल लगाने की प्रक्रिया जारी है।
डीसी ने बताया कि जल जीवन मिशन के तहत 37 हजार 808 घरों को चयनित किया गया है, जिनमें पाइप लाइन तथा टोंटी लगाने की व्यवस्था की जाएगी।