मतदान कल, प्रशासन का पुख्ता प्रबंध
2014 के विधानसभा चुनाव में कैथल विधानसभा के गांव कुतुबपुर में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत रहा था। जबकि गुहला के अटैला गांव में सबसे कम प्रतिशत मतदान प्रतिशत रहा था। कुतुबपुर में सबसे अधिक 94.40 प्रतिशत मतदान और अटैला गांव में सबसे कम 61.41 प्रतिशत मतदान हुआ। 2014 के विधानसभा चुनाव में कैथल विधानसभा के गांव कुतुबपुर में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत रहा था। जबकि गुहला के अटैला गांव में सबसे कम प्रतिशत मतदान प्रतिशत रहा था। कुतुबपुर में सबसे अधिक 94.40 प्रतिशत मतदान और अटैला गांव में सबसे कम 61.41 प्रतिशत मतदान हुआ।
जागरण संवाददाता, कैथल :
2014 के विधानसभा चुनाव में कैथल विधानसभा के गांव कुतुबपुर में सबसे अधिक मतदान प्रतिशत रहा था। जबकि गुहला के अटैला गांव में सबसे कम प्रतिशत मतदान प्रतिशत रहा था। कुतुबपुर में सबसे अधिक 94.40 प्रतिशत मतदान और अटैला गांव में सबसे कम 61.41 प्रतिशत मतदान हुआ।
सोमवार को जिला की चार विधानसभा क्षेत्र के लिए मतदान होगा। इसके लिए प्रशासन की ओर से पुख्ता प्रबंध कर लिए गए है। रविवार दोपहर तक पोलिग पार्टियों को मतदान कराने के लिए ईवीएम सहित अन्य समाग्री देकर रवाना किया जाएगा। इस बार करीब 2100 नए युवा मतदाता अपने मत का प्रयोग पहली बार करेंगे। पहली बार वोट देने वाले मतदाताओं ने कहा कि वे तो वोट डालेंगे ही, इसके साथ ही दूसरों को भी वोट के लिए प्रेरित करेंगे।
यह है सबसे अधिक मतदान वाले पांच बूथ :
सबसे अधिक मतदान जिला में कैथल विधानसभा क्षेत्र में कुतुबपुर में सबसे अधिक 94.40 प्रतिशत मतदान रहा। इसके बाद गांव क्योड़क में 18 नंबर बूथ पर 94.12, गोबिद नगर पार्ट चार में 94.06, गोबिद नगर पार्ट तीन में 93.07 प्रतिशत मतदान रहा। जबकि गुहला विधानसभा क्षेत्र में अटैला गांव में सबसे कम 61.41 प्रतिशत मतदान रहा। इसके बाद चीका में वार्ड नंबर दो के बूथ पर 62.72, गांव पसवाल में 71.35, लदाना चक्कू में 72.35 और खेड़ी गुलाम अली में 72.60 प्रतिशत तक मतदान हुआ।
मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए चलाए जाते विशेष अभियान
गुहला विधानसभा क्षेत्र के जोनल मजिस्ट्रेट व प्राचार्य संजय गोयल ने कहा कि मतदान को लेकर जिला प्रशासन की ओर से प्रतिशत बढ़ाने के लिए विशेष अभियान चलाए जाते है। युवा वर्ग के मतदाताओं की अधिक संख्या है। उनकी ओर से बिना स्वार्थ के अपने मत का प्रयोग करने की उम्मीद रहती है। गोयल ने कहा कि पार्टियों के नेता बेहतरीन स्वास्थ्य और शिक्षा देने की बात करते है तो उन पर अमल कर इसे लागू करना चाहिए। यदि अच्छी शिक्षा मिल सकेगी तो रोजगार के अवसर भी अधिक मिल पाएंगे।
कृषि के साथ रोजगार के अन्य अवसर भी मिलने चाहिए।
महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति श्रेयांश द्विवेदी ने बताया कि प्रदेश में ग्रामीण इलाकों में कृषि के साथ रोजगार के अन्य अवसर भी मिलने चाहिए। इसके साथ ही शहर की स्थानीय समस्याओं को दूर करना ही जीतने वाले विधायक की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। यदि शहर की समस्याओं का समाधान होगा तो विकास तेजी से होगा।
जातिवाद से ऊपर उठकर देंगे वोट :
पहली बार वोट करने वाली छात्रा हर्षिता ने कहा कि चुनावों में जाति व धर्म का मुद्दा काफी हावी रहता है, लेकिन वह इन मुद्दों पर अपना वोट बिल्कुल भी नहीं देगी। ऐसे प्रत्याशी को वोट देगी जो सभी वर्ग के लोगों के हित में कार्य करने वाला होगा।
साफ-सुथरी छवि के प्रत्याशी
को देंगे वोट
छात्रा स्वीटी ने कहा कि हमारे देश के लोकतंत्र में दिया गया वोट का अधिकार सराहनीय है। इसके मुताबिक हम अपने मनपसंद की सरकार मतदान के माध्यम से चुन सकते है। हमें स्थानीय समस्याओं को समाधान करने और स्वास्थ्य और रोजगार देने के लिए कार्य करने वाले प्रत्याशी को वोट करना चाहिए।