बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के बीच असुविधाओं के व्यूह में फंसा महिला कॉलेज
गर का इकलौता राजकीय महिला कॉलेज असुविधाओं के व्यूह में फंसा है। शहरी और ग्रामीण अंचल से इस संस्थान में 500 से अधिक बेटियां उच्च तालीम हासिल करने के लिए आती हैं।
संवाद सहयोगी, कलायत : नगर का इकलौता राजकीय महिला कॉलेज असुविधाओं के व्यूह में फंसा है। शहरी और ग्रामीण अंचल से इस संस्थान में 500 से अधिक बेटियां उच्च तालीम हासिल करने के लिए आती हैं। वर्तमान में जो भवन और दूसरी सुविधाएं हैं, उन्हें इलाके की 36 बिरादरी के प्रयासों से जुटाया गया है। सरकारी स्तर पर अभी किसी प्रकार का निर्माण शुरू नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने संस्था द्वारा संचालित श्री कपिल मुनि महिला कॉलेज को वर्ष 2016 में सरकारी कॉलेज का दर्जा देने की घोषणा की थी। हर किसी को उम्मीद थी कि सरकारी घोषणा के धरातल पर आने से नारी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन कलायत रेलवे रोड पर स्थित कॉलेज में सरकारी स्तर पर न तो आधुनिक भवन उपलब्ध हो पाया है और नहीं विद्या वाहिनी जैसी सेवाएं। बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश को लेकर ठोस व्यवस्था नहीं है। मांग के अनुरूप सीसीटीवी कैमरों की भी व्यवस्था नहीं है। पेयजल, बिजली, पानी निकासी, शौचालय, सुविधाजनक परिसर और न जाने कितनी दूसरी समस्याएं कॉलेज में हैं। महिला मंत्री के लिए महिलाओं की शिक्षा बड़ी चुनौती:
कलायत को विश्व पटल पर सांख्य दर्शन प्रवर्तक भगवान कपिल मुनि धरा के नाम से जाना जाता है। यह वह धरा है जहां कपिल मुनि ने माता देवहुति को सांख्य दर्शन का ज्ञान करवाया था। वर्तमान में हरियाणा विधानसभा में कलायत का नेतृत्व हरियाणा महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा कर रही हैं। इसलिए शिक्षा के ढांचे को मजबूत करना उनके लिए बड़ी परीक्षा का कार्य है। छात्राओं को मिलेंगी तमाम सुविधाएं
राजकीय महिला प्राचार्य राजेश कुमार सैनी ने बताया कि संस्थान में सुविधाओं को प्राथमिकता के आधार पर मजबूत किया जा रहा है। भवन और स्टाफ की जरूरतों को लेकर विभागीय प्रक्रिया जारी है। बुनियादी सुविधाओं को प्रभावी बनाने के लिए वाटर कूलर, फोकस लाइट, 50 एलईडी, 30 पंखों के साथ-साथ अन्य संसाधनों की मांग भेजी गई है। सरकार शिक्षा को लेकर सजग है। छात्राओं को संस्थान में तमाम सुविधाएं मिलेंगी।