वन विभाग के पौधे नहीं हो रहे फायदेमंद साबित
वन विभाग की स्कीम लोगों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो रही है। किसानों का कहना है कि विभाग की तरफ से जो पौधे तैयार किए जाते है उनकी किस्म अच्छी नहीं है।
जागरण संवाददाता, कैथल:
वन विभाग की स्कीम लोगों के लिए फायदेमंद साबित नहीं हो रही है। किसानों का कहना है कि विभाग की तरफ से जो पौधे तैयार किए जाते है, उनकी किस्म अच्छी नहीं है। जब पौधा पेड़ बनकर तैयार होता है तो सूख जाता है। जामुन, अमरुद, पीपल, नीम व बरगद के पौधे लगवाने चाहिए ताकि फल के साथ ऑक्सीजन भी अच्छी मिले। ऑक्सीजन अच्छी मिलेगी तो बीमारियां कम रहेगी।
अच्छी किस्म के नहीं होते पौधे
बाक्स-किसान गुरदयाल सिंह ने बताया कि सरकार की तरफ से जो पौधे लगाए जाते है। वो अच्छी किस्म के नहीं होते है। इससे किसानों को नुकसान का सामना करना पड़ता है। विभाग की तरफ से फलदार पौधों को लगाना चाहिए ताकि जल्दी तैयार हो सके और किसान अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकता है। बाग की आमदनी किसान को तीन साल में मिलनी शुरू हो जाती है। जो सरकार की तरफ से पौधे लगवाए जाते है, उनकी किस्म अच्छी नहीं होती है। किसान द्वारा जब पौधों से पेड़ तैयार किया जाता है इसके लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है। लेकिन जब उसे लाभ मिलने का समय आ जाता है पौधा सूख जाता है। आमदनी में घाटा होता है। सरकार की तरफ से अमरुद व जामुन का पौध रोपित करवाना चाहिए ताकि वातावरण शुद्ध के साथ बीमारियों से बचा जा सके।
जल्दी सूख जाते पौधे
बाक्स-किसान जरनैल सिंह ने बताया कि आसपास पौधों को बेचने के लिए मार्केट नई बनाई गई है। इससे किसानों को परेशानी होती है। वन विभाग की तरफ से हर जिले में लकड़ी बेचने के लिए मार्केट बनाई जाए। जो सरकार की तरफ से पौधे लगाए जाते है वे वातावरण अनुकूलित नहीं होते है। इससे जल्दी सूख जाते है। फलदार पौधों को रोपित करवाना चाहिए। विभाग की तरफ से सफेदे पर स्कीम दी जाती है। लेकिन बेचने के समय उस स्कीम को कोई लाभ नहीं दिया जाता है। इससे किसानों की आय कम होती है। इसलिए किसानों ने पौधे लगाने छोड़ दिए है।
क्वालिटी निम्न होती है
बाक्स-किसान लक्ष्मी आनंद ने बताया कि विभाग की तरफ से इस बार पौधों की कीमतों को बढ़ा दिया गया है। जो पौधा पहले एक रुपये में बिकता था अब वहीं पौधा 15 रुपये का कर दिया है। क्वालिटी भी निम्न स्तर की होती है। पीपल, नीम, बरगद व जामुन का पौधा लगाना चाहिए। जो छाया के साथ वातावरण को स्वस्थ रखता है। सड़कों के किनारे भूमि के कटाव रोकता है।