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ट्रैफिक पार्क बना नशेड़ियों का अड्डा, छलकते हैं जाम

शहर का ट्रैफिक पार्क नशेड़ियों का अड्डा बन हुआ है। यहां अंधेरा होते हुए जाम छलकने लगते हैं। पार्क में पड़ी मिली शराब की बोतलें व गिलास तो यही ब्यां कर रहे हैं। आरटीए कार्यालय में बना यह पार्क पूरी तरह से बदहाल की स्थिति में है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jan 2020 09:05 AM (IST)Updated: Fri, 03 Jan 2020 09:05 AM (IST)
ट्रैफिक पार्क बना नशेड़ियों का अड्डा, छलकते हैं जाम
ट्रैफिक पार्क बना नशेड़ियों का अड्डा, छलकते हैं जाम

जागरण संवाददाता, कैथल :

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शहर का ट्रैफिक पार्क नशेड़ियों का अड्डा बन हुआ है। यहां अंधेरा होते हुए जाम छलकने लगते हैं। पार्क में पड़ी मिली शराब की बोतलें व गिलास तो यही ब्यां कर रहे हैं। आरटीए कार्यालय में बना यह पार्क पूरी तरह से बदहाल की स्थिति में है। पार्क में लगे पेड़-पौधे देखरेख के अभाव में सूख रहे हैं। वहीं यहां आरटीए कार्यालय का मुख्य गेट लोहे की ग्रिल लगाकर बंद किया गया है। इस तरह से लोगों को यहां कामकाज के लिए आने-जाने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

लोगों का कहना है कि एक तरफ तो वाहन चालक के शराब के सेवन पर तरह-तरह के सवाल अधिकारियों द्वारा किए जाते हैं, लेकिन यहां कार्यालय व पार्क के अंदर ही शराब की बोतलें मिलने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। चार दिन पहले सीएम फ्लाइंग की टीम ने यहां छापेमारी की थी तो बदहाल स्थिति में कार्यालय मिला था। फाइलों को एक जगह पर नहीं बल्कि कबाड़ की तरफ अलग-अलग जगहों पर रखा हुआ था। कामकाज के लिए आने वाले लोगों के बैठने के लिए रखे गए बैंच, सीढि़यां, महिला टॉयलेट ही नहीं बल्कि एक कार्यालय में तो फाइलों का ढेर सा लगा हुआ था। बदहाल स्थिति में कार्यालय मिलने के बाद टीम ने अधिकारियों को फटकार लगाई थी, लेकिन इसके बावजूद कार्यालय के हालात ज्यों के त्यों हैं।

एक सितंबर 2013 में हुआ था

पार्क व कार्यालय का उद्घाटन

रोडवेज बस अड्डा के साथ ही ट्रैफिक पार्क बनाया गया है। इसमें आरटीओ कार्यालय भी चलता है। एक सितंबर 2013 को इस कार्यालय का उद्घाटन हुआ था। पार्क व कार्यालय को बने ज्यादा समय नहीं हुआ, लेकिन देखरेख के अभाव में यह बदहाल पड़ा हुआ है। कार्यालय का मुख्य गेट टूटा हुआ है। इस कारण बेसहारा पशुओं का जमावड़ा भी लगा रहता है। लोगों का कहना है कि कार्यालय को साफ-सुथरा रखने की जिम्मेदारी यहां बैठने वाले अफसरों की है, लेकिन इसे देखकर तो ऐसा नहीं लगता कि अधिकारी गंभीर हैं।

टूटे व सूखे पड़े हैं पेड़

ट्रैफिक पार्क में हरियाली के नाम पर दिखावा हो रहा है। कार्यालय में लगाए गए पौधे सूखे व टूटे पड़े हैं। पार्क में पेड़ों पर धूल चढ़ी हुई है, इस कारण यहां घूमने-फिरने के लिए लोगों का मन नहीं करता। लोगों का कहना है कि जब पार्क को साफ-सुथरा रखने व पेड़ों में पानी देने के लिए दो नलकुप लगाए हुए हैं तो क्यों नहीं इस तरफ ध्यान दिया जा रहा है। भगत सिंह कालोनी की तरफ से पार्क की दीवार को भी तोड़ा हुआ है, जहां से लोग लाइसेंस रिन्यू के लिए फाइल जमा करवाने जाते हैं, जबकि मुख्य गेट से एंट्री होनी चाहिए, लेकिन कार्यालय का मुख्य गेट तो वर्षो से बंद पड़ा हुआ है।


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