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तीन महीने से खराब हैं ट्रैफिक लाइटें, प्रशासन नहीं ले रहा संज्ञान

सरकार और प्रशासन की ओर से लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा है कि अगर नियमों का पालन नहीं किया तो चालान कटेगा। पिहोवा चौक और करनाल रोड बाइपास पर नगर परिषद की ओर से ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थी जो कि तीन महीने से खराब पड़ी हैं।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Sep 2019 09:23 AM (IST)Updated: Mon, 16 Sep 2019 09:23 AM (IST)
तीन महीने से खराब हैं ट्रैफिक लाइटें, प्रशासन नहीं ले रहा संज्ञान
तीन महीने से खराब हैं ट्रैफिक लाइटें, प्रशासन नहीं ले रहा संज्ञान

जागरण संवाददाता, कैथल : सरकार और प्रशासन की ओर से लोगों को कानून का पाठ पढ़ाया जा रहा है। लोगों को बताया जा रहा है कि अगर नियमों का पालन नहीं किया तो चालान कटेगा। पिहोवा चौक और करनाल रोड बाइपास पर नगर परिषद की ओर से ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थी जो कि तीन महीने से खराब पड़ी हैं।

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अब सवाल ये है कि क्या जिला प्रशासन का भी चालान कटेगा। ट्रैफिक लाइट जंप करने का जुर्माना भी पांच हजार रुपये का रखा गया है। दोनों स्थानों पर 20 लाख रुपये की लागत से ट्रैफिक लाइटें लगाई गई थी। नगर परिषद के अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी रोजाना इस तरफ से आते जाते हैं, लेकिन उसके बाद भी समस्या को लेकर कोई संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। दोनों स्थानों पर पुलिस के कर्मचारी भी तैनात रहते हैं, लेकिन वे भी ज्यादा समय चालान काटने में ही बिताते हैं। ऐसे में ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो रही है, जिससे दोनों स्थानों पर कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है। पहले निकलने के चक्कर में छोटे-मोटे हादसे तो रोजाना ही होते रहते हैं।

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पौने दो साल में दस बार

खराब हो चुकी लाइटें

करीब पौने दो साल पहले लाइटें लगाई गई थी। ऐसा नहीं है कि ये लाइटें पहली बार ही खराब हुई हो। इस अंतराल में करीब दस बार ये लाइटें खराब हो चुकी हैं। एक बार लाइट खराब हुई तो 15 से 20 दिनों तक इन्हें ठीक भी नहीं कराया जाता है। लाइटें खराब होने के कारण कई बार जाम की स्थिति भी बन जाती है। करनाल रोड बाइपास शहर का मुख्य चौक है। इसी चौक से जींद, करनाल व अंबाला के लिए वाहन जाते हैं। भारी वाहनों का भी आना-जाना लगा रहता है, जिससे कोई भी बड़ा हादसा हो सकता है।

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सीसीटीवी कैमरे भी पड़े हैं खराब

शहर में करीब 16 चौक चौराहों व सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं। कैमरे भी नगर परिषद की ओर से ही लगाए जाते हैं, लेकिन अब आधे से ज्यादा स्थानों पर लगे कैमरे भी खराब हो चुके हैं। शहर में अगर कोई घटना हो जाए तो उसमें आरोपितों की पहचान के लिए चौक चौराहों पर लगे कैमरों का ठीक होना जरूरी है। बिना देखभाल के ज्यादातर कैमरे खराब ही रहते हैं।

बॉक्स: ट्रैफिक लाइट ठीक कराना नगर परिषद का काम

यातायात प्रभारी जयवीर सिंह ने बताया कि खराब ट्रैफिक लाइटों को ठीक करने का काम नगर परिषद का है। इस बारे में जल्द ही नगर परिषद को लाइटें ठीक करने के लिए पत्र लिखा जाएगा।

बॉक्स: लाइटें ठीक कराने के आदेश दिए गए हैं

नगर परिषद के कार्यकारी अधिकार अशोक कुमार ने बताया कि ट्रैफिक लाइटों को ठीक करने के लिए कर्मचारियों को आदेश दिए हुए हैं। जल्द ही दोनों स्थानों पर लगी ट्रैफिक लाइटों को ठीक करवा दिया जाएगा। खराब पड़े सीसीटीवी कैमरों की भी जांच करवाई जाएगी।


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