लाइसेंस रिन्यू न होने से आढ़तियों में रोष, खटखटाया कोर्ट का दरवाजा
मंडी आढ़तियों के लाइसेंस रिन्यू नहीं हो रहे हैं। आढ़तियों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष जताते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आढ़तियों ने कहा कि लाइसेंस रिन्यू नहीं होंगे तो वह बेरोजगार हो जाएंगे।
जागरण संवाददाता, कैथल : मंडी आढ़तियों के लाइसेंस रिन्यू नहीं हो रहे हैं। आढ़तियों ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ रोष जताते हुए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। आढ़तियों ने कहा कि लाइसेंस रिन्यू नहीं होंगे तो वह बेरोजगार हो जाएंगे। पिछले कई सालों से आढ़तियों को लाइसेंस को लेकर दिक्कत आ रही है। अस्थाई तौर पर आढ़तियों के लाइसेंस रिन्यू कर दिए जाते हैं, लेकिन इसके बाद आढ़तियों को काफी दिक्कत आती है।
कैथल की नई अनाज मंडी में लगभग 137 दुकानें है, इनमें से 5 दुकानों के प्लाटों पर मार्केट कमेटी बनी हुई है। दो पर सोसायटी है। ऐसे में केवल लगभग 130 आढ़ती लाइसेंस लेकर अपना कार्य कर सकते है। उधर पुरानी मंडी में लगभग 90 दुकानें है और उन पर केवल 90 आढ़ती ही कार्य कर सकते है। इस प्रकार केवल 220 के लगभग आढ़ती ही कार्य कर सकते हैं, लेकिन दो मंडियों में इन आढ़तियों की संख्या बढ़ती गई। इस समय लगभग 850 के लगभग आढ़ती कार्य कर रहे हैं।
2012 से लाइसेंस रिन्यू को लेकर आ रही दिक्कत
लाइसेंस अधिक संख्या में देखते हुए बोर्ड की तरफ से 2012 में नियम बनाया गया कि यदि कोई ब्लड रिलेशन में आढ़त का कार्य करना चाहता है तो एक दुकान पर दो लाइसेंस जारी किए जा सकते हैं। यह संख्या इसी का फायदा उठाते हुए बढ़ गए है। कुछ आढ़ती आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण उनको अपनी दुकानें बेच कर अपना कार्य सुचारु रूप से जारी रखा। कुछ के द्वारा अपनी दुकानों का आधा हिस्सा बेच कर अपना कार्य जारी रखा। मंडी के अंदर बूथ भी बनाए हुए हैं, जिन पर केवल चाय, कपड़ा व करियाना आदि जैसी दुकानें खोली जा सकती है, लेकिन मार्केटिग बोर्ड के अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर यहां लाइसेंस जारी कर दिए। वर्ष 2012 से पहले लाइसेंस रिन्यू को लेकर कोई दिक्कत नहीं आती थी, लेकिन उस समय सचिव आशा रानी ने लाइसेंस रिन्यू को लेकर नियम बनाए तो विवाद बढ़ गया, जो अब तक जारी है।
हाईकोर्ट पहुंचे आढ़ती
करीब 201 आढ़तियों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट ने इसे स्वीकार करते हुए सरकार, मार्केटिग बोर्ड व कमेटी को नोटिस भी जारी किया। कोर्ट ने 28 जून की तारीख रखी है, जबकि लगभग 141 आढ़ती कोर्ट में नहीं गए हैं। इन सभी के लाइसेंस तय नियम अनुसार रद हो गए। वहीं कमेटी के अधिकारियों का कहना है कि सभी के लाइसेंस जो अस्थाई थे, वे रद हो गए हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। कोर्ट में जाने वाले आढ़तियों को अस्थाई स्टे मिला हुआ है। यह फैसला 28 जून को होगा। वहीं कुछ आढ़तियों का आरोप है कि रिश्वत लेकर लाइसेंस रिन्यू किए जा रहे हैं।
बोर्ड से आदेश न आने के चलते आढ़ती कोर्ट में गए
कमेटी सचिव रोशन लाल ने बताया कि आढ़तियों के लाइसेंस रिन्यू के लिए कागज व फीस जमा है। बोर्ड से रिन्यू के लिए कोई आदेश नहीं आए और आढ़ती हाईकोर्ट में चले गए। 20 गुणा 85 पर एक लाइसेंस बनाया जा सकता है, दूसरा ब्लड रिलेशन में बन सकता है। 10 गुना 85 पर लाइसेंस की छूट दी हुई है। अब व 2017 के बाद बनने वाले सभी लाइसेंसों की जांच की जाएगी। लाइसेंस बनने व कार्य करने का एक ही पता होना चाहिए। नियम पूरा ने करने पर यदि कोई लाइसेंस गलती से बन गया या रिन्यू हो गया तो उसकी भी जांच होगी।