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भ्रष्टाचार के विरोध में आढ़ती ने मार्केट कमेटी कार्यालय में शुरू किया अनशन

मार्केट कमेटी कार्यालय में भ्रष्टाचार के विरोध में पुरानी अनाज मंडी के आढ़ती सुशील कुमार ने कार्यालय परिसर में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। आढ़ती ने सचिव पर आरोप लगाया है कि उसका लाइसेंस खत्म हो गया था।

By JagranEdited By: Published: Wed, 17 Jun 2020 09:35 AM (IST)Updated: Wed, 17 Jun 2020 09:35 AM (IST)
भ्रष्टाचार के विरोध में आढ़ती ने मार्केट कमेटी कार्यालय में शुरू किया अनशन
भ्रष्टाचार के विरोध में आढ़ती ने मार्केट कमेटी कार्यालय में शुरू किया अनशन

जागरण संवाददाता, कैथल :

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मार्केट कमेटी कार्यालय में भ्रष्टाचार के विरोध में पुरानी अनाज मंडी के आढ़ती सुशील कुमार ने कार्यालय परिसर में आमरण अनशन शुरू कर दिया है। आढ़ती ने सचिव पर आरोप लगाया है कि उसका लाइसेंस खत्म हो गया था। इसे रिन्यू करवाने के लिए वह कार्यालय के कई बार चक्कर काट चुका है। इस दौरान उसने करीब दो हजार रुपये भी कार्यालय में दिए है। लेकिन कार्य नहीं हुआ है। करीब तीन घंटे के बाद ही कार्यालय की ओर से युवक को लाइसेंस की रसीद मिल गई। इसके बाद उसने अपना अनशन समाप्त किया।

सुशील कुमार ने बताया कि उन्होंने अपनी फर्म का आढ़त का लाइसेंस रिन्यू तीन साल के लिये रिन्यू करवाना था। लगभग 25 दिन पूर्व उसने अपने लाइसेंस के सभी कागज पूरे करके कमेटी में जमा करवाए थे। तीन साल के लिये रिन्यू की फीस 1800 रुपये बनती है, जो वह देने के लिये तैयार था। उसने बताया कि लाइसेंस रिन्यू करने वाले दो अधिकारियों ने इस फीस के साथ-साथ 1500 रुपये रिश्वत के तौर पर मांगे। इस पर उन्होंने रिश्वत देने से इंकार कर दिया। जिस पर ये कर्मचारी नाराज हो गये और उसके चक्कर कटवाने लग गए। वह कई बार कमेटी सचिव दीपक कुमार से भी मिला और पूरी कहानी बताई। इस पर वह भी उसके चक्कर कटवाने लग गया और बताया की अधिकारी सही कह रहे है। कई बार सचिव दीपक मोबाइल पर गेम खेलते रहे।

अनशन शुरू होने के बाद नई अनाज मंडी चौकी से दो पुलिस कर्मचारी उसका अनशन समाप्त करवाने के लिए पहुंचे। लेकिन वह नहीं माना। उसने कहा की बिना रिश्वत दिए जब तक उसको लाइसेंस रिन्यू की रसीद नही मिलती। वह दिन रात आमरण अनशन पर बैठा रहेगा। उसने इसकी शिकायत डीएमईओ अजय श्योराण से भी की। उसके बाद लगभग एक बजे पुरानी अनाज मंडी प्रधान श्याम बहादुर व सुमन लाल आये तो उन्होंने कमेटी सचिव से फोन पर बात की, तब एक कर्मचारी ने उसे रसीद काट कर दी। इसके बाद उसने अनशन समाप्त किया। इस बारे में जब कमेटी सचिव से पक्ष जानना चाहा तो उसका मोबाइल बंद मिला।


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