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वजन कम करने मैदान में उतरी नेहा बन गई इंटरनेशनल बॉक्सर

पट्टी अफगान कालू वाली गामड़ी निवासी इंटरनेशनल खिलाड़ी नेहा यादव अपना वजन कम करने के लिए मैदान में आई थी। खिलाड़ी के पड़ोस में बाक्सिग कोच गुरमीत सिंह रहते हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 09:32 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 09:32 AM (IST)
वजन कम करने मैदान में उतरी नेहा बन गई इंटरनेशनल बॉक्सर
वजन कम करने मैदान में उतरी नेहा बन गई इंटरनेशनल बॉक्सर

सुनील जांगड़ा, कैथल : पट्टी अफगान कालू वाली गामड़ी निवासी इंटरनेशनल खिलाड़ी नेहा यादव अपना वजन कम करने के लिए मैदान में आई थी। खिलाड़ी के पड़ोस में बाक्सिग कोच गुरमीत सिंह रहते हैं। अभ्यास शुरू करने से पहले नेहा का वजन करीब 105 किलो था। गुरमीत ने नेहा को उसका वजन कम करने के लिए आरकेएसडी स्टेडियम में बुलाना शुरू कर दिया। वजन कम करने के साथ नेहा को बॉक्सिग सिखाना भी शुरू कर दिया।

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2014 में बॉक्सिग का अभ्यास शुरू किया था और अपने कोच के सहयोग से नेहा ने छह इंटरनेशनल मेडल हासिल कर लिए हैं। इसके अलावा नेशनल स्तर की प्रतियोगिताओं में दस मेडल हासिल कर चुकी है। फरवरी 2019 में भुवनेशवर में हुई खेलो यूनिवर्सिटी नेशनल प्रतियोगिता में गोल्ड हासिल किया था। नेहा अब 85 किलो भारवर्ग में खेलती है और अपने कोच गुरमीत सिंह के पास अभ्यास करती है। नेहा के पिता राजपाल खेती करके अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। मां रेखा घर की देखरेख करती है।

ये हैं नेहा की इंटरनेशनल उपलब्धियां

- 2017 में हुई तीसरी इंटरनेशनल महिला यूथ बॉक्सिग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल।

- 2017 में गुवाहाटी में हुई यूथ महिला विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक।

- 2017 सर्बिया में हुई 35वीं गोल्डन ग्लोब प्रतियोगिता में कांस्य पदक।

- 2018 में थाइलैंड में हुई एशियन यूथ महिला चैंपियनशिप में रजत पदक।

- 2018 में हंगरी में हुई यूथ महिला विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक।

- 2018 में सर्बिया में हुई अंतरराष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में रजत पदक।

बॉक्स : कोच की प्रेरणा से बनी बॉक्सर

20 वर्षीय खिलाड़ी नेहा यादव ने बताया कि कोच गुरमीत सिंह की प्रेरणा से ही वे आज इंटरनेशनल स्तर की खिलाड़ी बन पाई हैं। उसका लक्ष्य है पहले तो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करना और उसके बाद देश के लिए मेडल लाना है।

नियमित रूप से करती अभ्यास

कोच गुरमीत सिंह ने बताया कि नेहा एक दिन देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड लेकर आएगी। वह किसी भी नई तकनीक को आसानी से सीख लेती है। सुबह-शाम नियमित रूप से अभ्यास करती है और खेल को पूरा समय देती है।


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