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प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थियों को समय से मिले लाभ : उर्मिल सिवाच

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के विषय पर लघु सचिवालय परिसर स्थित ईवीएम वेयर हाउस के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ व सुपरवाइजर आदि ने भाग लिया। कार्यशाला में सुरक्षित जननी की शपथ दिलाई गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम अधिकारी उर्मिल सिवाच ने की।

By JagranEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 07:06 AM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 07:06 AM (IST)
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थियों को समय से मिले लाभ : उर्मिल सिवाच
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के लाभार्थियों को समय से मिले लाभ : उर्मिल सिवाच

जागरण संवाददाता, कैथल: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के विषय पर लघु सचिवालय परिसर स्थित ईवीएम वेयर हाउस के सभागार में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें महिला एवं बाल विकास विभाग की सीडीपीओ व सुपरवाइजर आदि ने भाग लिया। कार्यशाला में सुरक्षित जननी की शपथ दिलाई गई। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कार्यक्रम अधिकारी उर्मिल सिवाच ने की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की लाभार्थियों को पांच हजार रुपये की राशि तीन किस्तों में दी जाती है। पहली एक हजार रुपये की किस्त गर्भावस्था धारण के दौरान, दूसरी किस्त दो हजार रुपये तथा महिला के टीकाकरण के दौरान और तीसरी किस्त दो हजार रुपये बच्चे के पैदा होने और उसके टीकाकरण के दौरान दी जाती है। उन्होंने कहा कि सहायता का उद्देश्य है कि महिला ठीक प्रकार पौष्टिक आहार ले सके, जिससे जच्चा व बच्चा दोनों सुरक्षित और स्वस्थ रहे। उन्होंने कहा कि आज लड़का व लड़की में भेद नहीं है। हम सभी को लड़कियों को भी लड़कों के समान आगे बढऩे के समान अवसर देने चाहिए। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 से अब तक चार हजार 225 महिलाएं इस योजना के तहत लाभार्थी हैं। इस अवसर पर सीडीपीओ रामरति, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की कोर्डिनेटर शिक्षा गागट, मुकेश आदि मौजूद रहे।

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मानव कल्याण के लिए सत्य मार्ग पर चले: सुभद्र मुनि

जागरण संवाददाता, कैथल: प्रवर्तक सुभद्र मुनि ने कहा कि महापुरुषों का जीवन चरित्र उनके आदर्श, शिक्षा, संदेश, प्राणी मात्र का जीवन निर्माण करते है। वे किसी जाति, संप्रदाय विशेष वर्ग के न होकर सूर्य की भांति प्रकाशमान समस्त जगत के लिए है। सभी धर्मों में भगवान, अवतार महापुरुषों का अवतरण मानव को मानवता का पाठ पढ़ाता है। जब-जब सृष्टि में अधर्म का जीव पर प्रभाव ज्यादा पड़ता है। मानव कल्याण के लिए, सत्य मार्ग पर चलने के लिए शक्ति देने के लिए महापुरुषों का अवतरण होता है। इस अवसर पर भगवान पारसनाथ के पूर्व जन्मों की गौरव गाथा प्रस्तुत की। कैसे आत्मा परमात्मा बन जाती है। जीवन में धर्मों का कितना श्रेष्ठ महत्व है। मानव जीवन में सत्य, अहिसा, सौहार्द भाव से मन पवित्र बन जाता है। मन पवित्र है तो जीवन यापन है। पाप छिपाने से पाप नहीं छिपता है। पाप से सुख नहीं मिलता है। ------------


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