बैंकों से फर्जीवाड़ा कर 1.66 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोप में तीन गिरफ्तार
ढांड थाना पुलिस ने बैंकों से जालसाजी करके करोड़ों रुपये का गबन करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ कर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। रिमांड के दौरान एक आरोपित से बैंक की हड़पी गई एक लाख 70 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई है।
जागरण संवाददाता, कैथल : ढांड थाना पुलिस ने बैंकों से जालसाजी करके करोड़ों रुपये का गबन करने वाले रैकेट का भंडाफोड़ कर गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। रिमांड के दौरान एक आरोपित से बैंक की हड़पी गई एक लाख 70 हजार रुपये की नकदी बरामद की गई है। तीनों आरोपित छह अप्रैल को अदालत में पेश किए गए हैं, जहां से गिरोह सरगना सहित दो आरोपितों का न्यायालय से दो दिन का रिमांड लिया गया है। एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि गांव आंहू स्थित सेंट्रल बैंक के प्रबंधक प्रिस मित्तल की शिकायत पर आठ जनवरी 2019 को ढांड थाना में केस दर्ज किया गया था। बडे पैमाने पर लाखों रुपये नकदी का गबन करने की शिकायत दी गई थी। पुराने मामलों को नए सिरे से खंगालते हुए ढांड थाना प्रबंधक सब इंस्पेक्टर रामकुमार को इस मामले में आरोपितों को पकड़ने के निर्देश दिए गए थे। सब इंस्पेक्टर भागीरथ की टीम ने आरोपित पूंडरी निवासी बलवान सिंह को दो अप्रैल को गिरफ्तार कर लिया। तीन दिन का पुलिस रिमांड हासिल किया और उससे सेंट्रल बैंक आहूं से हड़पी गई एक लाख 70 हजार रुपये की नकदी बरामद की। पूछताछ के दौरान जालसाज रैकेट के सरगना पूंडरी निवासी नरेश कुमार और चंदलाना निवासी रोहित को गिरफ्तार कर लिया गया।
बॉक्स 10 प्रतिशत कमीशन के लालच में करवाते थे लोन एसपी ने बताया कि आरोपित नरेश कुमार से पूछताछ की गई तो उसने कबूला कि वह कमीशन रेट पर बैकों से लोन करवाने का काम करता है। इस कारण उसकी तहसील कार्यालय और कई बैंकों में जान पहचान है। उसकी रोहित से गांव का भांजा होने के कारण अच्छी जान-पहचान थी। कंप्यूटर के जानकार होने के कारण रोहित को भी लोगों की जमीन की फर्द में फेर बदल करके विभिन्न लोगों को अलग-अलग बैंको से लोन दिलवाने के धंधे में अपने साथ मिला लिया। इसकी एवज में आरोपित नरेश कुमार बैंक से हुए लोन का 10 प्रतिशत हिस्सा कमीशन के तौर पर ले लेता था। रोहित को प्रत्येक फर्द के फेरबदल की एवज में 2500 रुपये प्रति फर्द कमीशन देता था। वह जाली मोहरों से बोगस कागजात तैयार करते समय पटवारी आदि के जाली हस्ताक्षर स्वयं कर लेता था। लोगों से कमीशन के तौर पर करीब 25 लाख रुपये नकदी ले चुका है। बॉक्स
इन बैंकों से लिया इतना-इतना लोन
एसपी लोकेंद्र सिंह ने बताया कि आरोपित बलवान सिंह ने अपनी 15 एकड़ जमीन पर एचडीएफसी बैंक से नौ लाख रुपये का लोन लिया। आरोपित नरेश कुमार की मदद से जमीन पर लोन क्लीयर दिखाकर कुछ दिन बाद कार्पोरेशन बैंक पूंडरी से 20 लाख रुपये लोन। एक्सिस बैंक बस्तली जिला करनाल से 20 लाख रुपये लोन। सेंट्रल बैक आहूं से 15 लाख, बैंक ऑफ इंडिया तरावड़ी जिला करनाल से 15 लाख, यूनियन बैंक ऑफ ईंडिया कैथल से 24 लाख 50 हजार रुपये का लोन, सर्व हरियाणा ग्रामीण बैंक पूंडरी से 20 लाख 75 हजार रुपये का लोन, विजय बैंक कैथल से 22 लाख 50 हजार रुपये का लोन और इसी 15 एकड़ जमीन पर आइसीआइसीआइ बैंक पिपली से 20 लाख रुपये के लोन सहित जालसाजी पूर्वक तरीके द्वारा कुल एक करोड़ 66 लाख 75 हजार रुपये का लोन हासिल कर चुका था। बॉक्स हरिद्वार में छिपा रखी थी फर्जी मोहरें एसपी ने बताया कि आरोपित नरेश कुमार ने कबूला कि उसने जाली कागजात में प्रयुक्त की गई मोहरें अपने दोस्त के पास उत्तराखंड हरिद्वार में छिपा रखी हैं। जब उसे पता चला कि सेंट्रल बैंक आंहू ने केस दर्ज करवा दिया है तो वह यह धंधा छोड़कर पंजाब और हिमाचल में मोबाइल टावरों में काम करने लग गया। अपना कंप्यूटर और प्रिटर सोलन हिमाचल स्थित अपने किराए के कमरे में छिपा रखे हैं। -------