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जिले में कोरोना के मिले 32 संक्रमित, 73 लोगों ने दी मात

जिले में शुक्रवार को कोरोना के 32 नए मामले सामने आए हैं जबकि 73 लोगों ने कोरोना को मात भी दी है। राहत की बात यह भी है कि शुक्रवार को एक्टिव केस 308 से घटकर 267 हो गए हैं। हालांकि अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 10 Apr 2021 06:33 AM (IST)Updated: Sat, 10 Apr 2021 06:33 AM (IST)
जिले में कोरोना के मिले 32  संक्रमित, 73 लोगों ने दी मात
जिले में कोरोना के मिले 32 संक्रमित, 73 लोगों ने दी मात

जागरण संवाददाता, कैथल : जिले में शुक्रवार को कोरोना के 32 नए मामले सामने आए हैं, जबकि 73 लोगों ने कोरोना को मात भी दी है। राहत की बात यह भी है कि शुक्रवार को एक्टिव केस 308 से घटकर 267 हो गए हैं। हालांकि अप्रैल माह में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। उसके बावजूद लोग संभल नहीं रहे हैं। यदि अभी भी कोविड-19 को लेकर जारी की गई हिदायतों का पालन नहीं किया तो काफी गंभीर स्थिति से निपटना पड़ सकता है। जबकि जिले में पिछले कुछ दिनों से स्वास्थ्य विभाग द्वारा सैंपलिग का कार्य बढ़ाया गया है। शुक्रवार को कैथल शहर 14, राजौंद में आठ, पूंडरी में चार, क्योड़क, ढांड, कांगथली, टयोंठा और भानपुरा में एक-एक संक्रमित केस मिला है। संक्रमित केसों को आइसोलेट कर दिया गया है। जबकि इनके संपर्क में आए लोगों की तलाश की जा रही है। इनके संपर्क में आए लोगों के भी सैंपल स्वास्थ्य विभाग द्वारा लिए जाएंगे।

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सिविल सर्जन डा. ओमप्रकाश ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सैंपलिग बढ़ाई गई है। अब एक दिन में करीब एक हजार प्रतिदिन सैंपल लिए जा रहे हैं। ताकि कोरोना महामारी से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से बचने के लिए सभी लोग स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी सभी हिदायतों का पालन करें और वैक्सीनेशन कार्यक्रम का हिस्सा बनें।

कोरोना काल में प्राइवेट स्कूलों के सामने पैदा हुआ आर्थिक संकट

संवाद सहयोगी, ढांड : प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन ब्लाक ढांड द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें समस्त कार्यकारिणी के सदस्यों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता एसोसिएशन के प्रधान राकेश कुमार भारद्वाज ने की। इसमें मुख्यातिथि के तौर पर जिला शिक्षा अधिकारी अनिल शर्मा व खंड शिक्षा अधिकारी गिरीश कौशिक ने शिरकत की। प्राइवेट स्कूल वेलफेयर एसोसिएशन के प्रधान राकेश कुमार ने शिक्षा अधिकारियों के सामने कोरोना काल से आज तक प्राइवेट स्कूलों के सामने आ रही समस्याओं को गंभीरता से रखा।

उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में तो खर्चा सरकार द्वारा वहन किया जाता है, जबकि प्राइवेट स्कूल बच्चों से मिलने वाली फीस के सहारे ही चलते हैं। जोकि कोरोना काल से बंद पड़े हैं। ऐसे में प्राइवेट स्कूलों के सामने आर्थिक संकट पैदा हो गया है। एसोसिएशन ने शिक्षा अधिकारियों को एक ज्ञापन के माध्यम से पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं खोलने की मांग की है। शिक्षा अधिकारियों ने प्राइवेट स्कूलों की मांग को पूरा करने और उनकी हर संभव सहायता करने का आश्वासन दिया। कार्यक्रम के अंत में स्कूल एसोसिएशन की ओर से शिक्षा अधिकारियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।


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